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डायबिटीज या मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है,
जिसमें आपके ब्लड में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का लेवल बढ़ जाता है।
ग्लूकोज आपकी बॉडी का प्रमुख ऊर्जा स्रोत है, जो भोजन से आपको मिलता है।
इसके बाद इंसुलिन नामक हार्मोन की मदद से आपकी कोशिकाओं तक पहुंचता है।
डायबिटिज के इलाज के अभाव में यह रोग आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
जैसे कि आपको आंखों, गुर्दे, नसों और हृदय में क्षति हो सकती है।
इसके अलावा मधुमेह, कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है।
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डायबिटीज को नियंत्रण करने और उसके दोषपूर्ण प्रभावों को कम करने के
लिए उपयुक्त आहार, नियमित व्यायाम और दवाओं का सही संयोजन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इससे आपके शरीर का ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रहता है और
साथ ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी कम होता है।
डायबिटीज (मधुमेह ) के दो प्रकार यानी टाइप होते हैं। डायबिटीज टाइप 1 और डायबिटीज टाइप 2।
इस प्रकार की डायबिटीज में इंसुलिन की पूरी तरह से कमी होती है।
यह आमतौर पर युवा वयस्कों में पाया जाता है।
लेकिन फिर भी किसी भी उम्र में हो सकता है।
इस प्रकार की डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए
इंसुलिन इंजेक्शन या पंप द्वारा इंसुलिन प्राप्त किया जाता है।
इस टाइप की डायबिटीज में शरीर इंसुलिन को सही
तरीके से उपयोग नहीं कर पाता।
यह सबसे आम तरीका है और आमतौर पर वयस्कों में देखा जाता है।
इसे आमतौर पर दौड़ और खाने में बदलाव की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है।
लेकिन कई मामलों में दवाइयाँ भी आवश्यक होती हैं।
यदि किसी को मधुमेह के इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें
तो उसे जल्दी से डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मधुमेह से पीड़ित लोगों को कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
जिनमें निम्नलिखित समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
मधुमेह वाले लोगों में हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है।
क्योंकि हाई ब्लड शुगर लेवल, हाई ब्लड प्रेशर और
गंभीर हृदय रोग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डायबिटीज न्यूरोपैथी का कारण बन सकता है।
जिसमें शरीर के नर्व सिस्टम में कमजोरी और अंधापन हो सकता है।
इससे अंगूठे और पैरों में सुन्नपन्न या झनझनाहट हो सकती है।
डायबिटीज के कारण किडनी में नुकसान हो सकता है।
जो संभवतः किडनी फेल के रूप में सामने आ सकती है।
यह अक्सर डायलिसिस या किडनी बदलाव की जरूरत पैदा कर सकता है।
मधुमेह रेटिनोपैथी और मकुलोपैथी जैसी आंखों में समस्याएँ का कारण बन सकती है।
जो अंततः दृष्टिदोष या अंधेपन की स्थिति तक ले जा सकती है।
मधुमेह को घर पर नियंत्रित रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं। जो निम्नलिखित हो सकते हैं..
नियमित व्यायाम करना ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद कर सकता है।
योग, वॉकिंग, साइक्लिंग या किसी अन्य व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
हेल्दी डाइट लें और कार्बोहाइड्रेट्स, शक्कर व अधिक तेलों से बचें।
फल और सब्जियों को अधिकतम मात्रा में खाएं।
अपने आहार में प्रोटीन और फाइबर शामिल करें।
डॉक्टर से मिलकर बीच-बीच में अपने ब्लड शुगर का चेकअप करायें।
इससे आपको अपनी मधुमेह की स्थिति का पता चलेगा और आप उचित उपाय ले सकेंगे।
अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं को समय पर और सही तरीके से लें।
अपने डॉक्टर के साथ वजन प्रबंधन के लिए सही योजना बनाएं और उसे अपनाएं।
शुगर को कंट्रोल रखने के लिए शराब व धूम्रपान से दूर रहें।
उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप। घर पर ही डायबिटीज को नियंत्रित रख सकते हैं।
साथ ही स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। अगर कभी भी कोई समस्या हो।
अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
हां, आयुर्वेद में डायबिटीज का इलाज संभव है।
आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय शामिल होते हैं।
जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में डायबिटीज को ’मधुमेह’ के रूप में जाना जाता है।
इसका उपचार निम्नलिखित प्रमुख पहलुओं पर आधारित होता है।
आयुर्वेद में स्वस्थ आहार और व्यायाम का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है।
यहां पर आहार के तत्वों का सही उपयोग और
व्यायाम के द्वारा ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जाता है।
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां।
जैसे कि जम्मुन की गुठली, बिल्व, गुड़मार, अमला, गुड़मार,
शिलाजीत और त्रिफला जैसी जड़ी-बूटियां ब्लड शुगर को
नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
आयुर्वेद में प्राकृतिक उपचार जैसे कि पंचकर्म, योग, प्राणायाम, ध्यान और
आसनों का उपयोग ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको। उचित दिनचर्या और जीवनशैली के लिए सलाह देंगे।
जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा।
यदि आप डायटिज का आयुर्वेदिक इलाज सोच रहे हैं।
तो आपको एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
वे आपके स्वास्थ स्थिति की उचित जांच करेंगे। उपयुक्त उपचार योजना तैयार करेंगे।
यूं तो आज आयुर्वेद की दुनियां बहुत सी दवायें उपलब्ध हैं।
जो डायबिटीज को नियंत्रित करने का दावा करती हैं।
साथ ही बिना किसी दुष्प्रभाव के आपको उचित उपचार का भरोसा भी देते हैं।
ऐसे में ब्लड शुगर की आयुर्वेदिक दवा का चयन कर पाना मुश्किल हो जाता है।
फिर भी आप आयुर्वेदिक कंपानी ‘काहन आयुर्वेदा’ (Kaahan Ayurveda) का ‘मधुअल्प’ (Madhualp) का सेवन कर सकते हैं।
यह डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा मधुअल्प कैप्सूल, पाउडर और सिरप तीनों रूपों में उपलब्ध है।
मधुमेह रोगी किसी भी रूप में इसका सेवन करके
अपनी डायबिटीज की समस्या में पूरी तरह आराम पा सकता है।