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सफेद मूसली क्या है? (Safed musli kya hai?)

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ये एक ऐसा पौधा और जड़ी-बूटी है। जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर आयुर्वेद में किया जाता है। safed musli को अंग्रेजी में ‘इंडियन स्पाइडर प्लांट’ (indian spider plant) कहते हैं। बहुत से औषधीय गुणों के कारण सफेद मूसल का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है। वैसे तो सफेद मूसली का इस्तेमाल कई प्रकार की समस्याओं में किया जाता है। लेकिन पुरूषों व महिलाओं की यौन कमजोरी को दूर करने के लिए सफेद मूसली का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है। सफेद मूसली इतनी प्रचलित और असरदार जड़ी-बूटी है कि इसे ‘भारतीय वियाग्रा’ और ‘हर्बल वियाग्रा’ की संज्ञा भी दी जाती है। सफेद मूसली के गुणों की बात की जाये तो। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, अल्कालॉइड स्टेरॉयड और पॉलीसैकराइड्स प्रचुर मात्रा में होता है।

सफ़ेद मुसली के फायदे (Safed musli ke fayde)

स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए ही सफेद मूसली को जाना जाता है। ये एक नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने में सक्षम है। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी (सफेद मूसली) कुछ बहुत ही चर्चित लाभ हम नीचे देने का प्रयास कर रहे हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह ज्ञात हो चुका है कि सफेद मूसली, इम्युनिटी (immunity) को बढ़ाने में बहुत ही ज्यादा असरदार है। इसके प्रयोग से शरीर में प्रतिरक्षा को बढ़ावा मिलता है और शरीर कई रोगों से लड़ने में सक्षम हो जाता है। सफेद मूसली आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की रक्षा करता है। आपके अंदर जोश और ऊर्जा का संचार करता है। आप सामान्य कमजोरी का सामना आसानी से कर पाते हैं। कमजोरी को दूर कर पाते हैं।

यौन शक्ति को बढ़ाता है

पुरूषों की सेक्स कमजोरी हो। या फिर महिलाओं में यौन कमजोरी हो। दोनों में भरपूर यौन शक्ति बढ़ाने में फायदेमंद साबित होता है सफेद मूसली। पुरूषों में गुप्त रोग जैसे कि शीघ्रपतन (premature ejaculation), नपुंसकता (erectile dysfunction), कामेच्छा की कमी (low libido) , जोश की कमी (josh ki kami), थकान आदि को दूर करता है। यहां तक स्वप्नदोष की समस्या (nightfall problem) में भी बेहद प्रभावशाली औषधी है। महिलाओं में कामेच्छा की कमी को दूर करने के लिए सफेद मूसली हर्बल टॉनिक का काम करता है। महिलाओं में योनि का सूखापन व बांझपन भी ठीक हो सकता है सफेद मूसली का सही इस्तेमाल करने से।

मुंह में संक्रमण का उपचार करता है

कभी-कभी गलत खानपान व किसी भी कारण से मुंह में संक्रमण हो जाता है। इस संक्रमण को सफेद मूसली की मदद से दूर किया जा सकता है। इस्तेमाल करने विधि इस प्रकार है। सफेद मूसली की जड़ का चूर्ण बनाकर। इसे गाय अथवा सामान्य देशी घी में तल लेना चाहिए। फिर इसका सेवन करना चाहिए। गले और मुंह में हुए संक्रमण में जल्द ही आराम मिलता है।

डायरिया का उपचार करता है

पाचन संबंधी समस्या में भी सफेद मूसली बढ़िया काम करती है। जैसे कि पेट की गड़बड़ी पेचिश और दस्त। नवजात शिशुओं को सफेद मूसली की उचित मात्रा देकर उनमें दस्त की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

गठिया का उपचार करता है

सफेद मूसली में बहुत से गुण होते हैं। जिनमें से एक गुण है एंटी-इंफ्लेमेटरी। सफेद मूसली का ये गुण गठिया, जोड़ों के दर्द के इलाज में बहुत आराम पहुंचाता है।

बॉडी को डिटॉक्स करता है

सफेद मूसली में एंटी ऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होता है। जिसकी मदद से शरीर से जहरीले पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं। शरीर विषमुक्त करता है। यह शरीर से मुक्त कणों को समाप्त करताक है। जिससे शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। मानसिक तनाव को कम करने में भी सफेद मूसली असरदार है।

डायबिटीज का उपचार करता है

तनाव और डायबिटिज जैसी स्थिति में सफेद मूसली खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। सफेद मूसली में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल हाई ब्ल्ड शुगर या डायबिटीज में उपयोगी माना जाता है। फिर भी चिकित्सक की सलाह से ही मधुमेह रोगियों को सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए।

वजन कम करने में है फायदेमंद

अगर आप बहुत ज्यादा मोटे हैं। वजन अधिक है। अब वजन और मोटापा कम करना चाहते हैं। वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो सफेद मूसली आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। सफेद मूसली पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। शरीर में मेटाबोलिज्म की वृद्धि करता है। शारीरिक बल प्रदान करता है। गहरी थकान से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फायदेमंद

जो माताएं अपने शिशुओं को स्तनपान कराती हैं। उनके स्तनों में दूध की कमी को ठीक करता है। दूध में वृद्धि करने में सहायक है सफेद मूसली। इसके लिए सफेद मूसली कैसे खायें? तो बता दें कि गन्ने, ब्राउन शुगर और जीरा के साथ सफेद मूसल का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।

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सफेद मूसली कैसे खायें? (Safed musli kaise khaye?)

पूरे दिन में दो समय इसे दूध अथवा पानी के साथ लिया जा सकता है। सही और पर्याप्त मात्रा की बात करें तो रोज इसकी 3 से 5 ग्राम की मात्रा लेना उचित रहता है।

सफेद मूसली किस समय खाना चाहिए? (Safed mulsi kis samay khana chahiye?)

भोजन करने लगभग 2 घंटे के उपरान्त सफेद मूसली का सेवन उचित माना गया है।

क्या खाली पेट सफेद मूसली का सेवन कर सकते हैं?

जी बिल्कुल! आप सुबह या फिर किसी भी समय खाली पेट सफेद मूसली का सेवन कर सकते हैं। आपके शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

क्या पानी के साथ सफेद मूसली का इस्तेमाल कर सकते हैं?

जी कर सकते हैं। दरअसल जब खाली पेट सफेद मूसली का सेवन करने की सलाह दी जाती है। तब उस समय यह भी सलाह दी जाती है कि पानी के साथ सेवन करें।

क्या दूध के साथ सफेद मूसली का सेवन कर सकते हैं?

जी कर सकते हैं। दूध के साथ सफेद मूसली का सेवन करना हानिकारक नहीं है। लेकिन खाली पेट हो, तो उस स्थिति में दूध के साथ सफेद मूसली का सेवन नहीं करना चाहिए।

सफेद मूसली के सेवन के दौरान क्या परहेज करने चाहिए?

यूं तो सफेद मूसली के सेवन में कोई विशेष रोक-टोक या परहेज नहीं हैं। किन्तु फिर भी इसके सेवन की शुरूआत करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें। उनकी राय बेहद जरूरी है।

सेवन करने के लिए सफेद मूसली की मात्रा

Safed Mulsi Ki Matra Kitni Leni Chahiye
Safed Mulsi Ki Matra Kitni Leni Chahiye

नोट : केवल ऊपर सुझाए गये सफेद मूसली की मात्रा (खुराक) पर ही आप निर्भर ना रहें। दरअसल कुछ और भी कारण होते हैं जो सफेद मूसली की रोज सेवन करने की मात्रा को सुनिश्चित करते हैं। जैसे कि आपकी उम्र, लिंग, कारण और वजन यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि आपके स्वास्थ्य के लिए सफेद मूसली की रोज की खुराक कितनी होनी चाहिए। इसलिए सफेद मूसली का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। लापरवाही ना करें।

सफेद मूसली के नुकसान (Safed musli ke nuksan)

आवश्यकता से अधिक वजन बढ़ने की संभावना

सफेद मूसली का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह। या सही मात्रा में ना लेने से अगर आप रोज का सेवन करते हैं। तो ऐसे में सफेद मूसली का सेवन आपका अनावश्यक वजन बढ़ा सकता है। इसलिए इसकी सही मात्रा जानने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

पचाने में असुविधा

अगर आपका लीवर सही नहीं रहता है। लीवर से संबंधित संबंधित परेशानियां है, तो आपके लिए इसे पचाना तकलीफदेह हो सकता है।

प्रेग्नेंट महिलाओं पर इसके असर की पूरी जानकारी नहीं

गर्भवती स्त्रियों के लिए सफेद मूसली कितना फायदेंद है। इसकी सही व पूरी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। इसलिए गर्भवती महिलाएं इसे सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अथवा इसका सेवन ना करें। इतना जरूर है कि स्तनपान करने वाली माताओं को इससे कोई नुकसान नहीं होता है।

भूख में कमी ला सकती है

अब इसे नुकसान के तौर पर देखें या फायदे के तौर पर। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं। या वजन पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, तब आप सफेद मूसली का सेवन सुरक्षित मात्रा में कर सकते हैं। ये आपकी भूख को कम कर सकता है। दूसरी स्थति में अगर आप कमजोर नहीं होना चाहते हैं। वजन बढ़ाना चाहते हैं। तब आपको इसकी सही मात्रा लेना जरूरी है। वरना आपकी भूख की कमी आपको दुर्बल बना सकती है। डॉक्टर की सलाह पहले लें।

अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए सफेद मूसली के साथ और भी कई शक्तिशाली असली जड़ी-बूटियों सें बना यह आयुर्वेदिक प्रोड्क्ट ‘जोशाटिक’ देखें।

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क्या सफेद मूसली की अधिक मात्रा लेना नुकसानदायक है?

इसके लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह पहले लेनी चाहिए। लेकिन हम बताना चाहेंगे कि अधिक मात्रा में सफेद मूसली का सेवन करने से कुछ शारीरिक परिवर्तन हो सकते हैं। इसलिए हमेशा सफेद मूसली की एक सुनिश्चित की गई मात्रा को ही लेने की सलाह दी जाती है।

क्या शराब के साथ सफेद मूसल का सेवन करना चाहिए?

पहली बात को शराब का सेवन करना ही नहीं चाहिए। या फिर बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। जहां तक नुकसान की बात है, तो अभी तक ऐसा सुनने व देखने में नहीं आया है कि सफेद मूसली का सेवन शराब साथ करने से कोई दुष्प्रभाव हो गया है। लेकिन फिर भी आपको सफेद मूसली का सेवन दूध या फिर पानी के साथ ही करना चाहिए।

सफेद मूसली से जुड़े कुछ अन्य खास प्रश्न

कब तक सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए?

ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस समस्या के लिए सफेद मूसली का सेवन कर रहे हैं। कुछ रोग अथवा समस्याएं ऐसी होती हैं, जिन्हें ठीक होने में समय अधिक लगता है। इसलिए सफेद मूसली का सेवन करने का समय भी उसी हिसाब से लंबा हो जाता है। इसलिए आप अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह लें। उसके बाद ही सफेद मूसली का सेवन शुरू करें।

दिन में कितने टाइम सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए?

ये तो आपकी समस्या और कारण पर निर्भर करता है। फिर भी सामान्य तौर पर दिन में 2 बार सफेद मूसली का सेवन करना सही और प्रभावशाली होता है।

क्या सफेद मूसली बच्चों को सेवन कराना चाहिए?

क्यों नहीं! आप बच्चों को भी सफेद मूसली का सेवन करा सकते हैं। विशेषकर दस्त और पेचिश से परेशान शिशुओं को सफेद मूसली की सही मात्रा सेवन कराने से उन्हें आराम मिलता है। सही मात्रा के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।

सफेद मूसली का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए कितना हानिकारक है?

अभी तक ऐसा कोई सांइटिफिक प्रूफ नहीं मिला है कि सफेद मूसली का सेवन गर्भवती स्त्रियों के लिए नुकसानदायक या लाभदायक है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान लापरवाही ना करें। सफेद मूसली का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

क्या सफ़ेद मूसली में शक्कर होती है?

जी नहीं! किसी प्रकार की कोई शक्कर सफेद मूसली में नहीं होती है।

मूसली तेल का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

प्राकृतिक जड़ी-बूटी मूसली से तैयार इस तेल को बहुत ही खास माना जाता है। सफेद मूसली से तैयार तेल की मालिश पुरूषों को उनके लिंग पर करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से लिंग की कमजोर नसें ठीक होती हैं। लिंग सशक्त बनता है। लिंग की मांसपेशियों को नेचुरल मजबूती प्राप्त होती है।

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