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पाइल्स क्या है? जानें, खूनी बवासीर का इलाज | Piles Kya Hai? | Kaahan Ayurveda

आज के समय में बवासीर (Piles) एक बेहद आम लेकिन तकलीफदेह समस्या बन चुकी है।

कई लोग शर्म या जानकारी की कमी के कारण इसे नजरअंदाज कर देते हैं,

जिससे बीमारी और बढ़ जाती है। इस लेख में हम जानेंगे बवासीर क्या होता है, खूनी बवासीर का इलाज,

इसके प्रकार, लक्षण, कारण, सही खान-पान और इलाज के सारे जरूरी पहलू।

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बवासीर क्या है? | Bawaseer Kya Hai?

बवासीर (Hemorrhoids) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा (anus) और मलद्वार (rectum)

के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है।

इससे दर्द, जलन, खुजली, और कभी-कभी खून भी आ सकता है।

यह बीमारी महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकती है,

लेकिन अक्सर यह 30 साल की उम्र के बाद अधिक देखने को मिलती है।

बवासीर के प्रकार क्या हैं? | Types of Piles

बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:

1. आंतरिक बवासीर (Internal Piles)

यह मलद्वार के अंदर होती है। इसकी पहचान करना मुश्किल होता है

क्योंकि इसमें दर्द कम होता है लेकिन मल के साथ खून आना (bleeding during stool) इसका संकेत हो सकता है।

2. बाहरी बवासीर (External Piles)

यह गुदा के बाहर की नसों में सूजन के रूप में दिखती है। इसमें दर्द, जलन और सूजन अधिक होता है।

3. खूनी बवासीर (Bleeding Piles)

यह आंतरिक बवासीर का ही एक रूप है जिसमें हर बार टॉयलेट करते समय खून आता है। यह सबसे चिंताजनक स्थिति होती है और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

बवासीर के क्या लक्षण हैं? | Bawaseer Ke Lakshan

Piles Ke Karan - Kaahan Ayurveda
Piles Ke Karan – Kaahan Ayurveda

बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles) व्यक्ति के प्रकार और स्थिति के अनुसार अलग हो सकते हैं।

लेकिन आमतौर पर ये लक्षण दिखते हैं:

  • मल त्यागते समय खून आना
  • गुदा के पास सूजन या गांठ महसूस होना
  • बैठने में तकलीफ या जलन
  • मल त्यागने में कठिनाई
  • गुदा में खुजली या जलन

बवासीर बढ़ जाने पर क्या होता है? | Bawaseer Ke Badh Jane Se Kya Hota Hai?

अगर समय पर बवासीर का इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है:

  • मलद्वार से लगातार खून आना जिससे रक्त की कमी (Anemia) हो सकती है।
  • इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • गुदा की मांसपेशियों में कमजोरी।
  • कई बार गांठें बाहर निकलकर अटक जाती हैं और उन्हें अंदर नहीं किया जा सकता।

बवासीर होने का क्या कारण है? | Bawasir Ke Karan

बवासीर के कई कारण होते हैं, लेकिन गलत जीवनशैली और भोजन की आदतें इसका सबसे बड़ा कारण हैं।

नीचे कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

  • कब्ज रहना और जोर लगाकर मल त्यागना
  • फाइबर की कमी वाली डाइट
  • कम पानी पीना
  • लंबे समय तक बैठना
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बढ़ा हुआ प्रेशर
  • बहुत अधिक तला-भुना या मसालेदार खाना
  • मोटापा और शारीरिक गतिविधियों की कमी

बवासीर का निदान कैसे होता है?

बवासीर की पहचान (Diagnosis of Piles) आमतौर पर डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच और लक्षणों के आधार पर की जाती है। इसके लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग किया जा सकता है:

  1. डिजिटल एग्जामिनेशन – डॉक्टर उंगली से गुदा की जांच करते हैं।
  2. एनोस्कोपी (Anoscopy) – एक छोटी ट्यूब से गुदा और रेक्टम की जांच।
  3. प्रोक्टोस्कोपी – अंदर की बवासीर को देखने के लिए।
  4. सिग्मॉयडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी – लंबे समय से खून आने पर।

खूनी बवासीर का इलाज क्या है? | Khooni Bawaseer Ka Ilaj Kya Hai?

खूनी बवासीर (Bleeding Piles) को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसके इलाज के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं:

1. आयुर्वेदिक इलाज:

  • त्रिफला चूर्ण – कब्ज मिटाने में सहायक
  • अर्शक वटी – खूनी बवासीर में असरदार
  • नागरमोथा, हरितकी, नीम – सूजन कम करते हैं

2. घरेलू उपाय:

  • गुनगुने पानी से Sitz bath लें
  • एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें
  • घी और मिश्री का सेवन करें

3. एलोपैथिक इलाज:

  • क्रीम, जेल, या सपोसिटरी
  • स्टेरॉइड युक्त मरहम से सूजन में राहत

4. सर्जरी या ऑपरेशन:

जब कोई उपाय काम न करे तो बांधकर काटना (Banding), लेज़र सर्जरी, या स्टेपलिंग जैसे इलाज किए जाते हैं।

आंतरिक बवासीर का इलाज क्या है? | Internal Piles Problem

आंतरिक बवासीर (Internal Piles) के लिए विशेष उपचार की जरूरत होती है क्योंकि यह अंदर होता है और खून बह सकता है:

  • फाइबर युक्त आहार
  • लंबे समय तक टॉयलेट में बैठने से बचें
  • कब्ज न होने दें
  • त्रिफला, हरड़, बहेड़ा का सेवन

अगर दवाइयों से राहत न मिले तो एनाल डिलेशन, रबर बैंड लिगेशन जैसे उपाय किए जाते हैं।

बवासीर होने पर क्या खाना चाहिए? | Bawaseer Hone Par Kya Khana Chahiye?

बवासीर में खानपान बहुत अहम भूमिका निभाता है। सही खानपान से कब्ज से राहत मिलती है और बवासीर जल्दी ठीक होती है।

खाना चाहिए:

  • फाइबर से भरपूर खाना – जैसे फल, हरी सब्जियाँ, ओट्स, साबुत अनाज
  • दही और छाछ – पाचन में सहायक
  • गुनगुना पानी – दिनभर खूब पानी पीना
  • नारियल पानी, बेल का शरबत
  • घी – पेट को चिकना करता है

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए? | Bawaseer Hone Par Kya Nahi Khana Chahiye?

कुछ चीजें बवासीर को और बढ़ा सकती हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए:

  • तेल वाला और मसालेदार खाना
  • फास्ट फूड और जंक फूड
  • अल्कोहल और कैफीन (चाय-कॉफी)
  • ज्यादा मांसाहारी खाना
  • मैदा और रिफाइंड चीनी

चिकित्सक के पास कब जाएँ?

अगर आप ये लक्षण महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • हर बार टॉयलेट करते समय खून आना
  • गांठें बाहर आकर अंदर न जा पाना
  • भारी जलन या दर्द
  • बुखार, कमजोरी, वजन गिरना
  • घरेलू उपायों से राहत न मिलना

गंभीर खूनी बवासीर का इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही कराना चाहिए, वरना यह एनीमिया और इंफेक्शन का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

बवासीर कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि यह एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है।

खूनी बवासीर का इलाज हो या आंतरिक बवासीर का इलाज,

सही समय पर इलाज और खानपान में बदलाव करके इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

अगर आप लंबे समय से बवासीर के लक्षण महसूस कर रहे हैं,

तो देरी न करें और किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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