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गर्मी के मौसम में मोटापा (motapa) कैसे कम करें?
वैसे तो गर्मियों के मौसम में लू, पसीने व मामूली-सी बातों में भी व्यक्ति गुस्से से भर जाता है।
गर्मी को तेज उसके स्वभाव में आ जाता है, जिसके कारण मन चिड़चिड़ाहट से भरा रहता है।
लेकिन हेल्थ को लेकर बात करें तो गर्मी के अपने ही विशेष लाभ भी होते हैं।
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पाचन को लेकर सर्दी के मौसम में एक ओर जहां इसे हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है।
वहीं दूसरी ओर गर्मी में एक सबसे विशेष बात ये है कि मोटापे और
एक्स्ट्रा वजन को कम करने के लिए इसे बेहतर समझा जाता है।
मोटापे के शिकार लोग बड़ी ही सरलता से इस मौसम में अपना वजन कम कर सकते हैं।
अपनी पर्सनेलिटी को बदल सकते हैं।
आयुर्वेद के एक्स्पर्ट के दृष्टिकोण से यदि आप अपना वेट कम करना चाहते है।
या अपनी बॉडी को एक परफेक्ट शेप में लाना चाहते हैं।
तो गर्मियों के मौसम में आप ऐसा करने में सफल हो सकते हैं।
गर्मियों की शुरूआत हो चुकी है या फिर गर्मियां आ चुकी हैं,
तो इस मौसम में आपको खाने-पीने में परहेज करने की जरूरत नहीं है।
एक्स्पर्ट मानते हैं कि गर्मियों के दिनों में मोटापा कम करना आसान होता है।
बजाए सर्दियों के मौसम कें। क्योंकि इस मौसम में खाने-पीने की आदतातें में खुद ही बदलाव आने लगते हैं।
इसके अलावा इस मौसम में एक्सरसाइज भी की जा सकती है।
समर डे यानी गर्मियों के दिनों में गर्मी अधिक लगती है।
जिसके कारण व्यक्ति पानी या लिक्विड चीजों पर ही ज्यादा निर्भर हो जाता है। पानी, जूस वगैरह ज्यादा लेते हैं।
इससे फायदा यह होता है कि बॉडी से जहरीले गंदे पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
यानी एक प्रकार से बॉडी डिटॉक्स हो जाती है।
मोटापा आजकल एक गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम बन चुकी है।
जो दुनियां भर में बढ़ती ही जा रही है।
यह एक ऐसी कंडिशन है, जिसमें बॉडी का वजन नॉर्मल से ज्यादा होता है।
जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होनी शुरू हो जाती हैं।
मोटापा न केवल शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है।
बल्कि मानसिक और सामाजिक समस्याओं का भी मुख्य कारण होता है।
यहाँ हम मोटापे के स्वास्थ्य नुकसानों के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे।
मोटापा हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है।
ज्यादा मात्रा में वसा और कोलेस्ट्रॉल बनने लगता है। जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा वसा बनने से आर्टरीज़ के ब्लॉक होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जो दिल के लिए खतरनाक हो सकता है।
मोटापा, डायबिटीज का मुख्य कारण है।
ज्यादा मात्रा में वसा बॉडी की इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में रूकावट को बढ़ाता है।
जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है।
और यह अन्य संबंधित समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
मोटापा हार्मोनल संतुलन में असंतुलन का कारण बन सकता है।
जिससे प्रजनन संबंधित समस्याएं जैसे कि अपवाह, बांझपन,
और पीसीओएस (पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) हो सकती हैं।
मोटापा हाई ब्लड प्रेशर और अन्य श्वास से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
जिससे हाई ब्लड प्रेशर, एथ्लीमा, और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
मोटापा सामाजिक और मानसिक समस्याओं का भी कारण बन सकता है,
जैसे कि आत्मविश्वास की कमी, दुखी रहना, और अलगाव।
ज्यादा मात्रा में बढ़े हुए वजन और मोटोप के कारण सारा भार, जोड़ों पर पड़ता है।
जो जोड़ों की समस्याओं, जैसे कि आर्थराइटिस और पीठ दर्द को बढ़ा सकता है।
मोटापा कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है, जैसे कि प्रोस्टेट, आंत, और पाचन तंत्र कैंसर।
बहुत ज्यादा शारीरिक वजन नींद की समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
जो आपके स्वास्थ्य को और भी अधिक प्रभावित कर सकता है।
मोटापा अवसाद और चिंता के लिए भी एक मुख्य कारक हो सकता है।
यह आपके भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है
और आपको अधिक चिंतित और उदास बना सकता है।
मोटापा स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।
और इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
यह अन्य गंभीर रोगों के लिए भी एक मुख्य वजन बन सकता है।
आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने की संभावना को बढ़ा सकता है।
अगर आपको इस समस्या से बचना है, तो नियमित व्यायाम,
संतुलित आहार,और अन्य स्वस्थ जीवनशैली की अनुसरण करें।
इसके अलावा, चिकित्सक से परामर्श लेना भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
वे आपको सही दिशा और उपाय देने में मदद कर सकते हैं।
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इन देशी नुस्खों का इस्तेमाल करें।
इससे आप अपने वजन को कम करने में सफलता हो सकते हैं।
ध्यान दें कि हर व्यक्ति का शरीर और उसकी क्षमता अलग होती है।
इसलिए इन नुस्खों को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।