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हमारी बॉडी में मौजूद इम्युनिटी (Immunity) रोगों से लड़कर उसे दूर करने में बहुत बड़ी भुमिका निभाती है। बाहरी संक्रमण को नष्ट करके हमें अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है इम्युनिटी। इसके अलावा शरीर की कोशिकाओं और फेफड़ों को साफ करती है। यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी हमें सुरक्षित रखने में बहुत मदद करती है।
आइए इम्युनिटी क्या है, इसके बारे में कुछ और जानकारी हासिल करते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को ही अंग्रेजी में इम्युनिटी कहा जाता है। जिसका मतलब होता है शरीर में रोगों का हमला रोकने की क्षमता। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी अधिक होगी, उतना ही हमारा शरीर हर छोटी-मोटी बीमारियों से दूर रहता है। इम्युनिटी हमारी बॉडी में एक प्रकार का नेचुरल सिस्टम है। इम्युनिटी का काम होता है शरीर को जीवाणुओं और वायरल संक्रमण से सुरक्षित रखना। इम्युनिटी के कमजोर होते ही हमारा शरीर रोगों से लड़ने में भी कमजोर हो जाता है। इसी के चलते हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। मौसम बदलते ही हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है। सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं लगी रहती हैं।
इम्युनिटी के 2 प्रकार होते हैं, जिसका वर्णन नीचे किया जा रहा है।
यह इम्युनिटी हमारी बॉडी को बीमारियों से बचाने का काम करती है। लेकिन इस प्रकार की इम्युनिटी की उम्र ज्यादा नहीं होती। यह जल्दी समाप्त होती है।
यह इम्युनिटी व्यक्ति के शरीर में लंबे समय तक रहती है और दीर्घकालिक तक रोगों से लड़ने में सहायता करती है।
व्यक्ति की बॉडी में इम्युनिटी कम होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं..
आज की व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास समय का बहुत अभाव हो गया है। जिसके चलते अपने स्वास्थ्य की ओर घ्यान देना भी वे भूलते जा रहे हैं। न तो व्यायाम के लिए समय है और न ही योग वगैरह के लिए। इसी कारण शरीर की नेचुरल पॉवर कम होती जा रही है। रोग प्रतिरोधक (Immunity) प्रभावित हो रही है। परिणाम स्वरूप इम्युनिटी इतनी कमजोर हो जाती है कि शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। स्त्री हो या फिर पुरूष, दोनों को चाहिए सुबह-शाम व्यायाम जरूर करें।
आज वर्तमान में लोगों को देर रात तक जागने की आदत पड़ चुकी है। दिनचर्या इतनी प्रभावित हो गई है कि रात तक व्यस्तता बनी रहती है। रात को देर तक मोबाइल देखना। देर रात जागते हुए टीवी देखना। ये बुरी आदत लोगों की नींद को प्रभावित कर रही है। जिसके चलते नींद पूरी नहीं हो पाती और शरीर को पूरा आराम भी नहीं मिल पाता। शरीर को पर्याप्त आराम न मिल पाने के कारण धीरे-धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) क्षीण होती जाती है। इसलिए कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद अवश्य लें।
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जीवन में कई तरह की परेशानियां लगी रहती हैं। इसी के चलते अक्सर कई लोग बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में आ जाते हैं। जिसके कारण माइग्रेन, सीने में तकलीफ, डर सताना, जी मिचलाना व घबराहट जैसी सस्याएं होने लगती हैं। इसलिए कभी-कभी अधिक तनाव के कारण भी इम्युनिटी कमजोर पड़ जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से यह हमारी रोगों से रक्षा करने में असर्मथ हो जाती है।
आज बच्चों से लेकर बड़े तक बाजारू खाना अधिक पसंद करने लगे हैं। या फिर समय के अभाव के कारण जंक फूड पर अधिक निर्भर हो गये हैं। कुल मिलाकर पोषणयुक्त आहार नहीं लेने से शरीर में इम्युनिटी कमजोर हो रही है। साथ ही बाजारू खाना खाने से शरीर में रोगों की गति भी बढ़ रही है। ऐसे ही लोग ज्यादातर बीमार पड़े रहते हैं। इसलिए पोषणयुक्त आहार का सेवन अधिक करें। शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए व्यायाम व योगा बहुत जरूरी है। रोजाना सुबह या शाम को व्यायाम जरूर करें। शारीरिक श्रम करने से शरीर के तंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं। इम्युन सिस्टम ठीक रहता है और स्वास्थ्य भी बना रहता है।
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए शरीर को पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। लेकिन नींद की कमी के कारण शरीर को पूरा आराम नहीं मिल पाता। इसलिए रोजाना 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। रात को समय पर सोने और सुबह समय पर जागने की आदत डालें। ऐसा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है।
हमारा शरीर किसी भी रोग अथवा संक्रमण की चपेट में गंदगी के कारण ही जल्दी से आता है। इसलिए हमेशा अपने शरीर व आसपास साफ-सफाई को बनाये रखना चाहिए। इसलिए घर व घर के आसपास गंदगी न फैलाएं। भोजन करने से पहले हाथों को अच्छे से धोयें। इस बात का ध्यान रखेंगे, तो कोई भी वायरस संक्रमण आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर पायेगा। साथ ही आपकी इम्युनिटी भी बनी रहेगी।
यदि आपको चाय या कॉफी पीने का शौक है, तो इसके बजाए ग्रीन टी का सेवन करें। दरअसल ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अच्छी होती है। इम्युनिटी को मजबूत बनाने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट बहुत अधिक मदद करती है। रोजाना सुबह ग्रीन टी का सेवन करने से इम्युनिटी बढ़ती है।
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरती होता है। इसलिए डॉक्टर भी विटामिन डी वाले पोषक पदार्थ का सेवन करने की सलाह देते हैं। कोल्ड फ्लू और संक्रमण जैसी बीमारियो से लड़ने में विटामिन डी बहुत अच्छी भुमिका निभाता है। विटामिन डी के लिए टूना, सैमन, समुद्री खाना आदि सही रहता है। इसके अलावा सूरज की किरणें भी शरीर को विटामिन डी प्रदान करती हैं।
विटामिन बी के लिए आप लहसुन, अनार, अदरक व ब्रॉकली आदि का सेवन अधिक करें। ऐसा इसलिए क्योंकि विटामिन बी में एंटी ऑक्सीडेंट और जस्ता तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए शरीर को एंटी ऑक्सीडेंट और जस्ता तत्व की आवश्यकता होती है।
यदि आप किसी भी बीमारी के लिए लंबे समय तक या अधिक मात्रा में दवाईयों का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी इम्युनिटी प्रभावित होती है। दवाईयों का अधिक सेवन आपकी बीमारी को ठीक तो करता है, लेकिन इम्युनिटी को कमजोर बना देता है। जिससे आपकी नेचुरल इम्युनिटी पॉवर कमजोर पड़ जाती है। आप दवाईयों पर ही निर्भर हो जाते हैं। खुद से ठीक होने की इम्युनिटी पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। इसलिए अधिक मात्रा में दवाईयों का सेवन न करें।
यदि आप केवल स्वाद के लिए या किसी भी कारण से जंक फूड का अधिक सेवन करते हैं, तो ऐसा न करें। बाजार या मॉल में मिलने वाले पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री व कोल्ड्रिंक में किसी भी प्रकार का विटामिन नहीं होता है। ये आपको स्वास्थ्य प्रदान नहीं करते हैं, बल्कि इम्युनिटी को कमजोर बना देते हैं। कोशिश करें घर में बना हुआ ही भोजन करें। पोषणयुक्त आहार का सेवन करें।
शराब पीने से व धूम्रपान करने से इम्युनिटी तेजी से कमजोर होती है। किसी भी प्रकार की नशाखोरी स्वास्थ्य के लिए हानिकार होती है। इसलिए अपनी इम्युनिटी को बचाने के लिए नशाखोरी से पूरी तरह दूरी बनाये रखें।
(1.) मौसम परिवर्तन के कारण अक्सर कई लोग जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह घरेलू उपाय बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। तुलसी की 5 से 7 कोमल पत्तियों को एक गिलास पानी में डाल दें। इस पानी को गैस पर उबालने के लिए रख दें। इस पानी को इतना खौलाएं कि पानी की मात्रा आधा गिलास रह जाये। इसके बाद इस पानी को गैसे उतार कर छान लें और किसी अन्य साफ गिलास में रख लें। यह पानी आपको सुबह रोजाना खाली पेट पीना है। इससे इम्युनिटी मजबूत होगी और आप छोटी-मोटी बीमारियों से सुरक्षित रह सकेंगे।
(2.) इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए गिलोय बहुत लाभकारी औषधि साबित होती है। आप एक मुट्ठी के करीब गिलोय का तना लेकर इसे अच्छे से कूट लें। कूट लेने के बाद इसे 2 गिलास के करीब पानी में डालकर खूब पकायें। इतना खौलायें कि यह पानी एक गिलास के करीब रह जाये। बाद में इस पानी को छानकर ठंडा कर लें। इस पानी में 2 चम्मच शहद डालकर रोजाना सुबह-शाम पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
(3.) सर्दी-जुकाम व खांसी से परेशान हैं, क्योंकि इम्युनिटी कमजोर है, तो यह उपाय करें। 3 से 4 काली मिर्च और अदरक का एक छोटा टुकड़ा ले लें। इन दोनों को 1 गिलास पानी में खूब खौलायें। इतना कि पानी की मात्रा आधी रह जाये। इस पानी को छानकर इसमें 4 से 5 ग्राम मिश्री मिला लें। रोजाना सुबह खाली पेट यह पानी पिएं। सर्दी-जुकाम व खांसी में तुरन्त आराम मिल जाता है। इम्युनिटी के लिए भी फायदेमंद है।
(4.) हल्दी को लगभग हर घर में मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। लेकिन यह प्रकार की ऐसी औषधि है, जिसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं। बात अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि की करें, तो इसमें भी हल्दी बहुत लाभकारी साबित होती है। हल्दी में कई ऐसे बहुत से एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं, जिनकी मदद से इम्युनिटी को मजबूत किया जा सकता है। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं। आप चाहें तो पानी के साथ भी एक चम्मच की मात्रा में शहद का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा एक चम्मच हल्दी को आधा चम्मच शहद के साथ सेवन करना भी लाभकारी होता है।
इम्युनिटी बढ़ाने का नेचुरल तरीका यही है कि पौष्टिक आहार का सेवन अधिक करें। हरी सब्जियां व फलों का सेवन करें। पानी खूब पीयें। समय पर सोयें, समय पर जागें और नींद पूरी लें। ताकि शरीर को पूरा आराम मिल सके। प्रतिदिन व्यायाम व योगा अवश्य करें। धूम्रपान व मदिरापान से दूर रहें। इसके अलावा लहसुन, अदरक, हल्दी, काली मिर्च इनका उपयोग भोजन में अवश्य करें। अगर आप इम्युनिटी बढ़ाने की दवा खोज रहे हैं, तो आप आयुर्वेदिक दवा का ही सेवन करें। आयुर्वेदिक तरीके से इम्युनिटी बढ़ायें। क्योंकि आयुर्वेद पूरी तरह सुरक्षित है और असदार भी है। यह हर रोग की जड़ पर काम करता है। किसी भी तरह का स्वास्थ्य नुकसान नहीं पहुंचाता।
आज आयुर्वेद की दुनियां में बहुत सी ऐसी दवाईयां मौजूद हैं, जो इम्युनिटी को बढ़ाने का दावा करती हैं। आप 1 इम्युनिटी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा खोजने जायेंगे, आपको अनेकों दवायें मिल जायेंगी। ऐसे में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा खायें, इसका चयन करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन फिर भी आपकी सुविधा के लिए हम एक आयुर्वेदिक दवा का नाम बता रहे हैं। इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए आप इम्युनलर (Immunelar) आयुर्वेदिक दवा का सेवन करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आप काहन आयुर्वेदा कंपनी का प्रोड्क्ट- इम्युनलर (IMMUNELAR) का सेवन कर सकते हैं। यह दवा सिरप के रूप में आती है। इस दवा को बच्चों व बड़ों से लेकर बुजुर्ग तक भी सेवन कर सकते हैं। इसमें कई ऐसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है, जिनकी मदद से तेजी से इम्युनिटी बूस्ट होती है। आपके शरीर को एक प्रकार का सुरक्षा कवच प्रदान करती है यह आयुर्वेदिक दवा। प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार की गई इस दवा का सेवन करने से किसी तरह कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। बिल्कुल सुरक्षित दवा है, जो आपको हर मौसम में बीमारियों से दूर रखती है।
एंटीऑक्सीडेंट शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं और हमे अनगिनत बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा संक्रमण को ठीक करते हैं।
एंटीवायरल हमारे शरीर को हर दिन संपर्क में आने वाले कई वायरस से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें जिंदा और स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से काम करता है।
जीवाणुरोधी बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है या प्रजनन करने की उनकी क्षमता को कम कर देता है। यह आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रदान करता है।
यह पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है। यह सूजन, दर्द को कम करता है और रक्त के थक्कों को रोकने में मदद करके हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
यह इम्युनिटी बढ़ाने की हर्बल दवा शरीर पर बेहतरीन तरीके से काम करती है। एकदम नेचुरल तरीके से इम्युनिटी को बढ़ाती है और दोबारा कम नहीं होने देती। इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए इस दवा (इम्युनलर) में 11 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का समावेश किया गया है। यह जड़ी-बूटियां बेहद असरदार तरीके से काम करती हैं। इम्युनलर के एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुण सर्दी, खांसी, फ्लू और एलर्जी से हमारी सुरक्षा करते हैं।
इम्यूनलर में तुलसी, सौंठ (अदरक), हल्दी, नीम, काली मिर्च, मुलेठी आदि जैसे सभी पूरक हैं। इन सभी जड़ी-बूटियों के मिश्रण को इम्युनरल के रूप में कई लोग प्रतिरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना लेते हैं।
इम्युनलर बड़े ही खास और असरदार तरीके से इम्युनिटी पर काम करता है। आइए जानते कैसे?
इम्यूनलर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। साथ ही इम्युनिटी को कमजोर बनाने वाले विकारों को दूर करता है। लंबे समय के लिए आपको स्वास्थ्य को सुरक्षा प्रदान करता है।
इम्यूनलर में एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को क्षति पहुंचने से बचाते हैं।
इम्यूनलर आपकी कोशिकाओं को बढ़ाता है और हर समय कीटाणुओं से लड़ता रहता है।
इम्यूनलर फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और सांस की समस्याओं से लड़ने में मदद करता है।
इम्युनलर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर एलर्जी और बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है।
यह सामान्य कमजोरी और सामान्य सर्दी-खांसी का इलाज करता है। इसके अलावा संक्रमण के जोखिम को कम करता है।
गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह आपकी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और आपको बीमारी से दूर रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह खून को साफ करता है, बैक्टीरिया से लड़ता है, विषाक्त पदार्थों को दूर करता है आदि। डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। ज्वर (बुखार) से राहत पाने के लिए गिलोय बहुत उपयोगी होता है।
नीम आपके शरीर के तापमान को कम करता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल दोनों गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और साफ रखने में मदद करते हैं। यह रक्त को भी शुद्ध करता है। यह रक्त से अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
तुलसी (पवित्र तुलसी) पृथ्वी पर सबसे अच्छी औषधीय जड़ी-बूटियों में से एक है। इस जड़ी बूटी में जादुई गुण होते हैं। खाद्य पदार्थों में तुलसी की कुछ पत्तियां डालने से यह कीटाणुओं को नष्ट करने में सक्षम होती है। साथ ही खाद्य पदार्थ को शुद्ध रखती है। तुलसी संक्रमण, खांसी, जुकाम और अन्य वायरल संक्रमण से बचा सकती है।
हल्दी में जीवाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और घाव भरने वाले प्रभाव होते हैं। यह गठिया, कैंसर, गैस्ट्रिक-अल्सर, हृदय और आंतों में सूजन जैसे रोगों के उपचार में अच्छी होती है। यह पाचन प्रणाली को सुधारने में मदद करती है। हल्दी का उपयोग पेट दर्द, पेट में भारीपन और पेट फूलना जैसी समस्याओं को कम करने में किया जाता है। यह भूख में सुधार, भोजन के बाद पेट फूलना और लिवर के कार्यों में सुधार करने में भी मदद करती है।
यह जड़ी-बूटी (मुलेठी) हमारे शरीर में पॉवर बूस्टर की तरह कार्य करती है। मुलेठी इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद करती है। बदलते मौसम के कारण होने वाली बीमारियों से सुरक्षा करती है। हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को हमारे शरीर से दूर करने में सहायत करती है।
त्रिफला एक अद्भुत प्रतिरक्षा बूस्टर है। यह सूखे मेवे आंवला, विभीतकी और हरीतकी का मिश्रण है। इसका उपयोग पारंपरिक हर्बल दवा में बीमारी को रोकने और कब्ज और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। त्रिफला में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सुरक्षात्मक कार्य करते हैं।
सौंठ (अदरक) का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे सर्दी, ब्रोंकाइटिस, गले में खराश, कंजेशन, सिरदर्द और दर्द के लिए किया जाता है। इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों जैसे सूजन, मासिक धर्म के लक्षण, गठिया, यकृत की समस्याओं, उच्च कोलेस्ट्रॉल, जठरांत्र संबंधी समस्याओं और मोशन सिकनेस के लिए किया जाता है।
काली मिर्च एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं। काली मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को दूर रखने में मदद करते हैं। यह घाव या सूजन के कारण होने वाली परेशानी से भी छुटकारा दिलाता है। काली मिर्च विटामिन सी से भरपूर होती है। इसलिए यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत अधिक प्रभावशाली होती है।
पिप्पली के कई स्वास्थ्य लाभ हैं इसलिए इसका उपयोग लगभग सभी स्वास्थ्य असामान्यताओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह मधुमेह की रोकथाम करता है, संक्रमणों से बचाता है, मासिक धर्म की समस्याओं से राहत देता है, श्वसन संबंधी विकारों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी और सर्दी के लक्षणों का उपचार करता है। यह कामेच्छा को भी बढ़ाता है।
दालचीनी आरोग्य गुणों से भरपूर है। इसका उपयोग सूजन से लड़ने और शरीर की मरम्मत के लिए किया जाता है। दालचीनी एलर्जी से लड़ती है और शरीर में घावों को ठीक करती है। यह संक्रमण से सुरक्षा करती है आपको स्वस्थ रखती है।
प्राकृतिक तरीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अश्वगंधा एक उत्तम विकल्प है। शरीर में रोगों और संक्रमणों से लड़ने की शक्ति व कार्य प्रणाली को सुधारता है। अश्वगंधा सफेद रक्त कोशिका के स्तर में सुधार करके प्रतिरक्षा को बढ़ाता है, जो संक्रमण को रोकने में मदद करता है।