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पेट में कब्ज, अपच, गैस और एसिडिटी का इलाज (Pet me kabj, apach, gas or acidity ka ialj)

पेट साफ न रहने की समस्या का इलाज (Pet saaf na rehne ki samasya ka ilaj)

Pet Saaf Na Rehne Ki Samasya
Pet Saaf Na Rehne Ki Samasya

कहते हैं आधे से ज्यादा रोग पेट की समस्या के कारण (pet ki samasya ke karan) ही उत्पन्न होते हैं। जिन लोगों का पेट साफ नहीं रहता। कब्ज (constipation) और एसिडिटी (acidity) की शिकायत रहती है। आंतों में गड़बड़ी रहती है। ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या ही खराब रहती है। कोई भी काम सही से नहीं हो पाता। न घर में न ही बाहर (ऑफिस, दफ्तर वगैरह)। जिसके कारण अन्य समस्या जैसे सिरदर्द, बेचैनी, घबराहट, तनाव जैसी स्थिति बनी रहती है। इसलिए पेट को साफ व स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। धीरे-धीरे पेट की बीमारी खराब सेहत की गारंटी बन जाती है। अगर आपका पेट खुलकर साफ नहीं होता। या फिर आपका पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता है, तो भोजन से लिए हुए पोषक तत्व भी शरीर में असर नहीं करते। व्यक्ति रोगों के मकड़जाल में फंस जाता है।

पेट साफ न होने के कारण क्या हैं? (Pet saaf na hone ke karan kya hai?)

Pet Saaf Na Hone Ke Karan Kya Hai
Pet Saaf Na Hone Ke Karan Kya Hai

सबसे मुख्य कारण पेट साफ न होने के लिए आपका गलत खानपान है। ऐसा आहार होता है, जिससे शरीर में एंजाइम (enzyme) बनना कम हो जाता है। एंजाइम एक प्रकार लार व रसायन होता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। इसलिए शरीर में एंजाइम की मात्रा सही होना जरूरी है। बाकी अन्य कारण इस प्रकार हैं।

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  • अपने भोजन में रेशेदार आहार को शामिल न करना।
  • जंक फूड, फास्ट फूड, मैदे से निर्मित चीजें, तली हुए चीजें व तेज मिर्च-मसालेदार चीजें अधिक सेवन करना।
  • शरीर में पानी कमी (पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पीना)।
  • नियमित रूप से समय पर भोजन नहीं करना।
  • अधिक रात को असमय भोजन करना।
  • रात को देर तक जागने की बुरी आदत।
  • न समय पर सोना न समय पर जागना।
  • अत्यधिक चाय व कॉफी का सेवन करना।
  • अधिक मात्रा में मदिरापान, धूम्रपान व तंबाकू इत्यादि का सेवन करना।
  • भोजन को अच्छे से चबाकर नहीं खाना।
  • बिना भोजन के पचे, फिर से भोजन कर लेना।
  • तनाववूर्ण जीवन व्यतीत करना।
  • लंबे समय से दवाईयों का सेवन करना।
  • शरीर में हार्मोन्स का प्रभावित हो जाना।
  • थायराइड की समस्या होना आदि।

पेट की समस्या की पहचान कैसे करें? (Pet ki samasya ki pehchan kaise kare?)

इस समस्या की पहचान यूं तो आप स्वयं भी कर सकते हैं। जैसे कि लगातार पेट में दर्द की शिकायत रहना। पेट सूखा रहना। पेट से मरोड़ों जैसी आवाजों का आना। पेट में भारीपन महसूस होना ये सामान्य लक्षण हैं पेट की समस्या के। फिर भी कुछ अन्य लक्षणों से पेट की समस्या की पहचान आप कर सकते हैं।

  • पेट साफ नहीं रहना।
  • खुलकर शौच नहीं आना या अधिक जोर लगाने पर मल निकलना।
  • उदर में भारीपन व हल्का-हल्का दर्द महसूस होना।
  • बार-बार पेट में गैस की शिकायत होना।
  • शौच के समय सूखा व सख्त मल निकलना।
  • सिर में भारीपन व दर्द होना।
  • एसिडिटी की समस्या बनी रहना।
  • बिना मेहनत वाला कार्य किए आलस आना।
  • पिण्डिलियों में दर्द रहना।
  • बिना कुछ खाये व पिए मुंह से बदबू आना।
  • पेट साफ नहीं होने के कारण मुँह में छाले होना भी एक आम परेशानी है।

पेट साफ न होने से कब्ज की समस्या (Pet saaf na hone se kabj ki samasya)

Pet Saaf Na Hone Se Kabj Ki Samasya
Pet Saaf Na Hone Se Kabj Ki Samasya

उदर में कब्ज (constipation) की समस्या रहने के कारण पेट सही से साफ नहीं हो पाता। मलत्याग के दौरान व्यक्ति को बहुत परेशानी होती है। एक ही दिन में व्यक्ति 4 से 5 बार या इससे भी अधिक बार शौच के लिए विवश हो जाता है। मल को शरीर से निकालने के लिए बहुत जोर आजमाइश करनी पड़ती है। फिर भी पेट खुलकर साफ नहीं होता। घंटो शौचालय में बैठना पड़ता है। शेष इतना नहीं, बल्कि व्यक्ति ये सोचने पर भी मजबूर हो जाता है, कि क्या खाये और क्या न खाये?

अगर आपका भी पेट साफ नहीं रहता है। कब्ज, एसिडिटी व गैस की समस्या लगातार बनी रहती है, तो आप निम्नलिखित घरेलू उपायों का अनुसरण करें। आपको निश्चित ही लाभ होगा।

पेट की समस्या के लिए घरेलू उपाय (Pet ki samasya ke liye gharelu upay)

  • रात को साफ पानी में 7 से 8 ग्राम मुनक्के भिगोकर रख दें। अगली सुबह इन मुनक्कों के बीजों अलग कर लें। इसके बाद बीजों को एक गिलास के करीब दूध में डालकर उबाल लें। फिर दूध को गुनगुना होने पर पी लें। लगातार ये उपाय करने से कुछ ही दिनों पेट की सभी समस्या दूर हो जायेंगी।
  • उदर की समस्या जैसे कब्ज रहती है, तो रात को सोने से लगभग आधा घंटा पहले दूध पिएं। लेकिन दूध को ऐसे ही नहीं पीना है। एक गिलास दूध में 2 चम्मच के करीब एरण्ड का तेल डाल कर पिएं। पेट साफ रहने लगेगा। कब्ज का इलाज करना है, तो ये बेहतर घरेलू उपाय है।
  • पेट में हर वक्त गैस और कब्ज रहती है, तो ये उपाय करें। अजवाइन और जीरा को हल्की आंच पर अच्छे से भून लें। भून लेने के बाद इसका बारीक चूर्ण कर लें। इस चूर्ण में चुटकी भर काला नमक डालकर सेवन करें। ऊपर से गुनगुना पानी पी लें। गैस की समस्या तुरन्त दूर हो जायेगी। कब्ज की शिकायत में भी बहुत आराम मिलेगा।
  • अगर आपको पेट में भारीपन रहता है। पेट साफ नहीं रहता है, तो आप पेट की समस्या का इलाज घर पर कर सकते हैं। 1 चम्मच मुलेठी का चूर्ण और आधी गुड़ की डली लेकर इनका सेवन करें। कब्ज, पेट में भारीपन व पेट दर्द में बहुत आराम महसूस होगा।
  • अपच की शिकायत, कब्ज की समस्या, एसिडिटी की समस्या में सौंफ सेवन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए आप यह उपाय करें। रात को सोने से पहले 1 चम्मच भुनी हुई सौंफ को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। सौंफ में उड़नशील तेल पाया जाता है। जो आपके पाचन तंत्र को ठीक रखने में बहुत मदद करता है। इसके अलावा गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
  • अपने पेट को दुरूस्त रखने के लिए शहद का सेवन करें। शहद में लैक्सटिव तत्व होता है। जिसकी मदद से कब्ज और पेट में भारीपन की समस्या दूर होती है।

पेट साफ रखने के लिए क्या खाना चाहिए? (Pet saaf rakhne ke liye kya khana chahiye?)

Pet Saaf Rakhne Ke Liye Kya Khana Chahiye
Pet Saaf Rakhne Ke Liye Kya Khana Chahiye
  • यदि आपको पेट से जुड़ी समस्या से दूर रहना है, तो आपको अपने खानपान को ठीक रखना होगा। ऐसा आहार लेना होगा जिससे आपका पेट सही से साफ हो सके। कब्ज, गैस व एसिडिटी की समस्या न रहे। आंतों की परेशानी न रहे। तो आइए जानते हैं कब्ज से बचने के लिए आपका खानपान कैसा होना चाहिए?
  • ताजे फलों का सेवन अधिक मात्रा में करें। सब्जियां और रेशेदार आहार का सेवन अधिक करें। ऐसा आहार लें जोकि फाइबर युक्त हो। क्योंकि फाइबर युक्त आहार की कमी होने से भी पेट साफ नहीं होता है। कब्ज की शिकायब बनी रहती है। लेकिन अधिक मात्रा में भी फाइबर का सेवन न करें। अन्यथा पेट में भारीपन व गैस की समस्या हो सकती है।
  • अगर आप फलों का सेवन करेंगे, तो फलों में आप पपीता, अंगूर, अनानास, अंजीर व नाशपती का सेवन करें। ये फल कब्ज नहीं करते। बल्कि कब्ज की समस्या में आराम पहुंचाते हैं।
  • सब्जियों में पत्तागोभी, गाजर, ब्रोकली और पालक आदि हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। सब्जियां अधिक खायें। इसमें आप हरी पत्तेदार सब्जियों को सेवन ज्यादा करें। इसके अलावा पत्तागोभी, ब्रोकली, पालक व गाजर आदि भी आप सेवन कर सकते हैं।
  • खाने के अलावा पानी का भी ध्यान रखें। पानी आपको पर्याप्त मात्रा में पीना है। पेट की समस्या को दूर करने के लिए प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके अलावा तरल पदार्थों का सेवन भी करें।
  • पिसे हुए चने को गेहूं के आटे मिलाकर सेवन करें। इससे आपको कब्ज नहीं होगी।

कब्ज का इलाज कब करना चाहिए? (Kabj ka ilaj kab karna chahiye?)

यूं तो गलत खानपान व दिनचर्या के कारण अक्सर कब्ज की शिकायत (kabj ki samasya) हो जाती है। जिसका इलाज घरेलू तरीके से या खानपान में सुधार करके ठीक किया जा सकता है। लेकिन कब्ज का घरेलू इलाज (kabj ka gharelu ilaj) करके या खानपान को ठीक करने के बावजूद कब्ज की समस्या ज्यों-की-त्यों बनी रहत है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। कब्ज का इलाज कराना चाहिए। अन्यथा भविष्य में आपको बवासीर की समस्या (bawaseer kai samasya) होने की संभावना हो सकती है।

पेट की समस्या के लिए आयुर्वेदिक दवा का नाम बतायें? (Pet ki samasya ke liye ayurvedic dawa ka naam bataye?)

Pet Saaf Karne Ki Herbal Medicine
Pet Saaf Karne Ki Herbal Medicine

आप पेट की समस्या को दूर करने के लिए और पेट की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एंजाइमलर (EnzymeLar) हर्बल सिरप (herbal syrup) का सेवन करें। यह सिरप प्राकृतिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार की गई है। जिसका नियमित रूप से सेवन करने से पेट से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। पेट पूरी तरह स्वस्थ रहता है। सबसे विशेष बात इस सिरप की यह है कि इसका सेवन बच्चों से लेकर बडे़ भी कर सकते हैं। साथ ही इसका नियमित सेवन करने से आपको कोई स्वास्थ्य नुकसान भी नहीं होता है।

एंजाइमलर (Enzymelar) ही क्यों?

अपनी कुछ खास खूबियों के कारण एंजाइमलर हर्बल सिरप (enzymelar herbal syrup) कई लोगों की पहली और भरोसमंद बना हुआ है। पेट को स्वस्थ व साफ रखने के लिए एंजाइमलर आयुर्वेदिक दवा बहुत ही ज्यादा असरदार है। आइए जानते हैं क्यों है एंजाइमलर इतनी खास दवा।

पेट की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

Enzymelar में आंवला, सौंठ, मुलेठी आदि जैसी अद्भुत जड़ी-बूटियाँ का मिश्रण है। जो कब्ज और सूजन का इलाज करके पेट की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

कब्ज से राहत दिलाता है

एंजाइमलर सिरप, कब्ज से राहत दिलाता है। यह आंतों की दीवारों को साफ करके चिकनाई प्रदान करता है। यह कब्ज को प्राकृतिक रूप से ठीक करता है।

गैस और सूजन को ठीक करता है

एंजाइमलर आपके पेट को मजबूत रखता है और अपच, कब्ज और एसिडिटी से तुरंत राहत देता है। यह पाचन एंजाइमों का उत्पादन करके सूजन और गैस को कम करता है।

मल त्याग को आसान बनाता है

Enzymelar आपके मल त्याग को आसान बनाता है। यह आपको कब्ज से राहत दिलाता है और आपके सख्त, सूखे और मुश्किल से आने वाले मल को चिकनाई युक्त करता है। जिससे मल आसानी से गुदा द्वार से निष्कासित होता है।

एंजाइमलर कैसे काम करता है? (How does work enzymelar?)

इसमें 20 जड़ी-बूटियों की शक्ति है। यह शुद्ध और प्राकृतिक है। पाचन में सुधार के लिए प्रत्येक घटक का विशिष्ट लाभ होता है। यह आंतों के विकारों और कब्ज के लिए एक आयुर्वेदिक सिरप है। यह अपच, आंतों के चयापचय, मोटापा और कब्ज में सुधार करता है।

इसके अतिरिक्त, एंजाइमलर में चित्रक मूल, तेज पत्ता, अजवायन, छव्य, लवंग, सौंठ, माघ पीपल, जीरा, नौसादर, आंवला, हरड़, मुलेठी, सेना, सौंफ, दालचीनी, हिंग, काला नमक, पुदीना, पपीता और दालचीनी जैसी जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। जो अल्सर, ऐंठन और अपच से राहत देता है। जबकि आंत को अपने आप ही पाचन और उत्सर्जन कार्य करने के लिए ठीक करता है।

हर्बल सिरप (एंजाइमलर) की अन्य विशेषताएं

आंत स्वास्थ्य का प्रबंधन करता है

आपके पेट की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपके पेट को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।

विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है

यह सिरप स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसमें डिटॉक्स करने वाले गुण मौजूद हैं।

मल त्याग को आसान बनाता है

आपके पाचन में सुधार करके कब्ज को ठीक करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

कोई दुष्प्रभाव नहीं

यह हर्बल सिरप पूर्णतः प्राकृतिक जड़ी बूटियों से निर्मित है। यह चिकित्सकीय रूप से सिद्ध है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

प्राकृतिक जुलाब

यह दवा एक हर्बल रेचक है। यह कब्ज को ठीक करता है। यह मल त्याग को गति देता है।

पेट दर्द को कम करता है

आंतों में फंसी गैस से राहत दिलाता है और पेट दर्द में बहुत आराम पहुंचाता है।

एंजाइमलर सिरप में है इन जड़ी-बूटियों के गुण

चित्रक मूल

चित्रक मूल, आयुर्वेद की शक्तिशाली पाचक जड़ी बूटियों में से एक है। इसका उपयोग ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाओं में अपच के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में लीडवॉर्ट के नाम से जाना जाता है। यह भूख बढ़ाता है, भोजन को पचाता है, उल्टी रोकता है, पेट के कीड़ों को दूर करता है।

तेज पत्ता

यह पत्ता शरीर में गैस्ट्रोनॉमिकल प्रभाव पर एक मजबूत असर डालता है। इसके कार्बनिक यौगिक पेट की ख़राबी को दूर करने में मदद करते हैं। यह शरीर में प्रोटीन को आसानी से पचाने में भी मदद करता है। यह आपके शरीर में सूजन को कम करता है।

अजवाइन

अपच के कारण होने वाली पेट की किसी भी परेशानी के लिए अजवाइन अच्छा है। इसका एक सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह आपके पेट को मजबूत रखता है और अपच व एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाता है। यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

छाव्या

खांसी, दमा, पेट दर्द, सूजन और पेट फूलने के इलाज में छाव्या (लंबी मिर्च) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है, पाचन में सुधार करता है। यह कृमि संक्रमण को ठीक करता है। यह एक अच्छा पेट साफ करने वाला है।

लवंगी

लौंग में कई स्वास्थ्य गुण होते हैं। यह व्यापक रूप से दंत चिकित्सा के लिए तेल के रूप में और प्लीहा, दस्त, मुँहासे, पाचन सर्दी की अन्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। सुबह के समय लौंग का सेवन करने से आपको पाचन संबंधी किसी भी समस्या का इलाज करने में मदद मिलती है।

सौंठ

सूखे अदरक (सौंठ) में पाचक एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन और वसा को तोड़ने में मदद करते हैं। यह लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। साथ ही यह मांसपेशियों में दर्द और शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है।

माघ पीपल

अपनी असली सुगंध और स्वाद के लिए माघ पीपल जाना जाता है। इसका उपयोग पेट की परेशानी, सूजन, पेट में जलन, मतली और उल्टी के इलाज के लिए किया जाता है।

जीरा

सामान्य पाचन का इलाज करने में जीरा बहुत मदद करता है। यह पाचन एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाता है। संभावित रूप से पाचन को तेज करता है। जीरा आपके लीवर से पित्त के निकलने को भी बढ़ाता है। पित्त वसा को पचाने में मदद करता है।

नौसादर

शुद्धिकरण के बाद नौसादर का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह अपच में बहुत कारगर है। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है। इसका उपयोग अन्य बीमारियों जैसे खांसी, जुकाम, दांत दर्द, दमा आदि में किया जाता है।

आंवला

एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होता है आंवला। यह पेट दर्द और अन्य संबंधित लक्षणों से राहत प्रदान करके, पेट पर विषाक्त भार को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में पित्त को कम करता है।

हरड़

अपने क्षुधावर्धक और पाचक के कारण हरड़, पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में मदद करता है। यह मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही पुरानी कब्ज के मामले में मल को आसानी से त्यागने में मदद करता है।

मुलेठी

इस जड़ी-बूटी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एसिड रिफ्लक्स, पेट की सूजन (pet ki sujan), नाराज़गी, पेट के अल्सर, कब्ज और एसिडिटी जैसी पाचन समस्याओं को ठीक करता है।

सेना

आपके पाचन तंत्र को सेना मजबूत बनाती है। इसमें सेनोसाइड्स होते हैं जिनका रेचक प्रभाव होता है। इसलिए यह कब्ज के इलाज में कारगर है।

सौंफ

सौंफ में मौजूद घटक, पाचन एंजाइमों और रसों के स्राव को ट्रिगर करते हैं। जो बदले में पाचन की प्रक्रिया को तेज करते हैं। यह अत्यधिक गैस बनने के कारण पेट की सूजन को कम करता है। सौंफ से पेट और आंत की सूजन कम होती है।

दालचीनी

दालचीनी दस्त से राहत देती है। लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार करती है और पाचन को बढ़ाती है। यह पेट की दीवारों से पेप्सिन और गैस्ट्रिक एसिड के स्राव को कम करके गैस को कम करता है।

हींग

उच्च फाइबर से युक्त होता है हींग। यह पाचन में सहायता करता है। यह गैस्ट्राइटिस, पेट दर्द, सूजन, पेट फूलना जैसी पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। यह पेट में संक्रमण की संभावना को कम करता है।

काला नमक

सूजन और नाराज़गी को कम करता है काला नमक। यह भाटा को कम करता है और एसिड के स्तर को प्रतिबंधित करता है। यह आपके लीवर को पित्त बनाने में मदद करता है और छोटी आंत में शरीर के वसा में घुलनशील विटामिन के अवशोषण में सुधार करता है।

पुदीना

पुदीना आपकी सभी पाचन समस्याओं के लिए अद्भुत काम करता है। इसमें मेन्थॉल होता है, इसमें एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह अपच को दूर करने में मदद करता है और पेट की ख़राबी को भी शांत करता है।

पपीता

पपीते के फल में 2 एंजाइम होते हैं- काइमोपैपेन और पपैन। ये दो एंजाइम प्रोटीन को पचाते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। सूजन को कम करते हैं। पपीते में फाइबर और पानी की मात्रा भी अधिक होती है, जो कब्ज को रोकने में मदद करती है। यह एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है।

चीनी

आपकी छोटी आंत को पचाने में मदद करने के लिए कुछ एंजाइम जारी करती है चीनी। अणुओं को तब आंतों की दीवार के माध्यम से रक्तप्रवाह में अवशोषित किया जाता है, जहां उनका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है।

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