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कहते हैं आधे से ज्यादा रोग पेट की समस्या के कारण (pet ki samasya ke karan) ही उत्पन्न होते हैं। जिन लोगों का पेट साफ नहीं रहता। कब्ज (constipation) और एसिडिटी (acidity) की शिकायत रहती है। आंतों में गड़बड़ी रहती है। ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या ही खराब रहती है। कोई भी काम सही से नहीं हो पाता। न घर में न ही बाहर (ऑफिस, दफ्तर वगैरह)। जिसके कारण अन्य समस्या जैसे सिरदर्द, बेचैनी, घबराहट, तनाव जैसी स्थिति बनी रहती है। इसलिए पेट को साफ व स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। धीरे-धीरे पेट की बीमारी खराब सेहत की गारंटी बन जाती है। अगर आपका पेट खुलकर साफ नहीं होता। या फिर आपका पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता है, तो भोजन से लिए हुए पोषक तत्व भी शरीर में असर नहीं करते। व्यक्ति रोगों के मकड़जाल में फंस जाता है।
सबसे मुख्य कारण पेट साफ न होने के लिए आपका गलत खानपान है। ऐसा आहार होता है, जिससे शरीर में एंजाइम (enzyme) बनना कम हो जाता है। एंजाइम एक प्रकार लार व रसायन होता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। इसलिए शरीर में एंजाइम की मात्रा सही होना जरूरी है। बाकी अन्य कारण इस प्रकार हैं।
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इस समस्या की पहचान यूं तो आप स्वयं भी कर सकते हैं। जैसे कि लगातार पेट में दर्द की शिकायत रहना। पेट सूखा रहना। पेट से मरोड़ों जैसी आवाजों का आना। पेट में भारीपन महसूस होना ये सामान्य लक्षण हैं पेट की समस्या के। फिर भी कुछ अन्य लक्षणों से पेट की समस्या की पहचान आप कर सकते हैं।
उदर में कब्ज (constipation) की समस्या रहने के कारण पेट सही से साफ नहीं हो पाता। मलत्याग के दौरान व्यक्ति को बहुत परेशानी होती है। एक ही दिन में व्यक्ति 4 से 5 बार या इससे भी अधिक बार शौच के लिए विवश हो जाता है। मल को शरीर से निकालने के लिए बहुत जोर आजमाइश करनी पड़ती है। फिर भी पेट खुलकर साफ नहीं होता। घंटो शौचालय में बैठना पड़ता है। शेष इतना नहीं, बल्कि व्यक्ति ये सोचने पर भी मजबूर हो जाता है, कि क्या खाये और क्या न खाये?
अगर आपका भी पेट साफ नहीं रहता है। कब्ज, एसिडिटी व गैस की समस्या लगातार बनी रहती है, तो आप निम्नलिखित घरेलू उपायों का अनुसरण करें। आपको निश्चित ही लाभ होगा।
यूं तो गलत खानपान व दिनचर्या के कारण अक्सर कब्ज की शिकायत (kabj ki samasya) हो जाती है। जिसका इलाज घरेलू तरीके से या खानपान में सुधार करके ठीक किया जा सकता है। लेकिन कब्ज का घरेलू इलाज (kabj ka gharelu ilaj) करके या खानपान को ठीक करने के बावजूद कब्ज की समस्या ज्यों-की-त्यों बनी रहत है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। कब्ज का इलाज कराना चाहिए। अन्यथा भविष्य में आपको बवासीर की समस्या (bawaseer kai samasya) होने की संभावना हो सकती है।
आप पेट की समस्या को दूर करने के लिए और पेट की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एंजाइमलर (EnzymeLar) हर्बल सिरप (herbal syrup) का सेवन करें। यह सिरप प्राकृतिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार की गई है। जिसका नियमित रूप से सेवन करने से पेट से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। पेट पूरी तरह स्वस्थ रहता है। सबसे विशेष बात इस सिरप की यह है कि इसका सेवन बच्चों से लेकर बडे़ भी कर सकते हैं। साथ ही इसका नियमित सेवन करने से आपको कोई स्वास्थ्य नुकसान भी नहीं होता है।
अपनी कुछ खास खूबियों के कारण एंजाइमलर हर्बल सिरप (enzymelar herbal syrup) कई लोगों की पहली और भरोसमंद बना हुआ है। पेट को स्वस्थ व साफ रखने के लिए एंजाइमलर आयुर्वेदिक दवा बहुत ही ज्यादा असरदार है। आइए जानते हैं क्यों है एंजाइमलर इतनी खास दवा।
Enzymelar में आंवला, सौंठ, मुलेठी आदि जैसी अद्भुत जड़ी-बूटियाँ का मिश्रण है। जो कब्ज और सूजन का इलाज करके पेट की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
एंजाइमलर सिरप, कब्ज से राहत दिलाता है। यह आंतों की दीवारों को साफ करके चिकनाई प्रदान करता है। यह कब्ज को प्राकृतिक रूप से ठीक करता है।
एंजाइमलर आपके पेट को मजबूत रखता है और अपच, कब्ज और एसिडिटी से तुरंत राहत देता है। यह पाचन एंजाइमों का उत्पादन करके सूजन और गैस को कम करता है।
Enzymelar आपके मल त्याग को आसान बनाता है। यह आपको कब्ज से राहत दिलाता है और आपके सख्त, सूखे और मुश्किल से आने वाले मल को चिकनाई युक्त करता है। जिससे मल आसानी से गुदा द्वार से निष्कासित होता है।
इसमें 20 जड़ी-बूटियों की शक्ति है। यह शुद्ध और प्राकृतिक है। पाचन में सुधार के लिए प्रत्येक घटक का विशिष्ट लाभ होता है। यह आंतों के विकारों और कब्ज के लिए एक आयुर्वेदिक सिरप है। यह अपच, आंतों के चयापचय, मोटापा और कब्ज में सुधार करता है।
इसके अतिरिक्त, एंजाइमलर में चित्रक मूल, तेज पत्ता, अजवायन, छव्य, लवंग, सौंठ, माघ पीपल, जीरा, नौसादर, आंवला, हरड़, मुलेठी, सेना, सौंफ, दालचीनी, हिंग, काला नमक, पुदीना, पपीता और दालचीनी जैसी जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। जो अल्सर, ऐंठन और अपच से राहत देता है। जबकि आंत को अपने आप ही पाचन और उत्सर्जन कार्य करने के लिए ठीक करता है।
आपके पेट की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपके पेट को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
यह सिरप स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसमें डिटॉक्स करने वाले गुण मौजूद हैं।
आपके पाचन में सुधार करके कब्ज को ठीक करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
यह हर्बल सिरप पूर्णतः प्राकृतिक जड़ी बूटियों से निर्मित है। यह चिकित्सकीय रूप से सिद्ध है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
यह दवा एक हर्बल रेचक है। यह कब्ज को ठीक करता है। यह मल त्याग को गति देता है।
आंतों में फंसी गैस से राहत दिलाता है और पेट दर्द में बहुत आराम पहुंचाता है।
चित्रक मूल, आयुर्वेद की शक्तिशाली पाचक जड़ी बूटियों में से एक है। इसका उपयोग ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाओं में अपच के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में लीडवॉर्ट के नाम से जाना जाता है। यह भूख बढ़ाता है, भोजन को पचाता है, उल्टी रोकता है, पेट के कीड़ों को दूर करता है।
यह पत्ता शरीर में गैस्ट्रोनॉमिकल प्रभाव पर एक मजबूत असर डालता है। इसके कार्बनिक यौगिक पेट की ख़राबी को दूर करने में मदद करते हैं। यह शरीर में प्रोटीन को आसानी से पचाने में भी मदद करता है। यह आपके शरीर में सूजन को कम करता है।
अपच के कारण होने वाली पेट की किसी भी परेशानी के लिए अजवाइन अच्छा है। इसका एक सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह आपके पेट को मजबूत रखता है और अपच व एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाता है। यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
खांसी, दमा, पेट दर्द, सूजन और पेट फूलने के इलाज में छाव्या (लंबी मिर्च) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है, पाचन में सुधार करता है। यह कृमि संक्रमण को ठीक करता है। यह एक अच्छा पेट साफ करने वाला है।
लौंग में कई स्वास्थ्य गुण होते हैं। यह व्यापक रूप से दंत चिकित्सा के लिए तेल के रूप में और प्लीहा, दस्त, मुँहासे, पाचन सर्दी की अन्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। सुबह के समय लौंग का सेवन करने से आपको पाचन संबंधी किसी भी समस्या का इलाज करने में मदद मिलती है।
सूखे अदरक (सौंठ) में पाचक एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन और वसा को तोड़ने में मदद करते हैं। यह लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। साथ ही यह मांसपेशियों में दर्द और शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है।
अपनी असली सुगंध और स्वाद के लिए माघ पीपल जाना जाता है। इसका उपयोग पेट की परेशानी, सूजन, पेट में जलन, मतली और उल्टी के इलाज के लिए किया जाता है।
सामान्य पाचन का इलाज करने में जीरा बहुत मदद करता है। यह पाचन एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाता है। संभावित रूप से पाचन को तेज करता है। जीरा आपके लीवर से पित्त के निकलने को भी बढ़ाता है। पित्त वसा को पचाने में मदद करता है।
शुद्धिकरण के बाद नौसादर का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह अपच में बहुत कारगर है। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है। इसका उपयोग अन्य बीमारियों जैसे खांसी, जुकाम, दांत दर्द, दमा आदि में किया जाता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होता है आंवला। यह पेट दर्द और अन्य संबंधित लक्षणों से राहत प्रदान करके, पेट पर विषाक्त भार को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में पित्त को कम करता है।
अपने क्षुधावर्धक और पाचक के कारण हरड़, पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में मदद करता है। यह मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही पुरानी कब्ज के मामले में मल को आसानी से त्यागने में मदद करता है।
इस जड़ी-बूटी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एसिड रिफ्लक्स, पेट की सूजन (pet ki sujan), नाराज़गी, पेट के अल्सर, कब्ज और एसिडिटी जैसी पाचन समस्याओं को ठीक करता है।
आपके पाचन तंत्र को सेना मजबूत बनाती है। इसमें सेनोसाइड्स होते हैं जिनका रेचक प्रभाव होता है। इसलिए यह कब्ज के इलाज में कारगर है।
सौंफ में मौजूद घटक, पाचन एंजाइमों और रसों के स्राव को ट्रिगर करते हैं। जो बदले में पाचन की प्रक्रिया को तेज करते हैं। यह अत्यधिक गैस बनने के कारण पेट की सूजन को कम करता है। सौंफ से पेट और आंत की सूजन कम होती है।
दालचीनी दस्त से राहत देती है। लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार करती है और पाचन को बढ़ाती है। यह पेट की दीवारों से पेप्सिन और गैस्ट्रिक एसिड के स्राव को कम करके गैस को कम करता है।
उच्च फाइबर से युक्त होता है हींग। यह पाचन में सहायता करता है। यह गैस्ट्राइटिस, पेट दर्द, सूजन, पेट फूलना जैसी पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। यह पेट में संक्रमण की संभावना को कम करता है।
सूजन और नाराज़गी को कम करता है काला नमक। यह भाटा को कम करता है और एसिड के स्तर को प्रतिबंधित करता है। यह आपके लीवर को पित्त बनाने में मदद करता है और छोटी आंत में शरीर के वसा में घुलनशील विटामिन के अवशोषण में सुधार करता है।
पुदीना आपकी सभी पाचन समस्याओं के लिए अद्भुत काम करता है। इसमें मेन्थॉल होता है, इसमें एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह अपच को दूर करने में मदद करता है और पेट की ख़राबी को भी शांत करता है।
पपीते के फल में 2 एंजाइम होते हैं- काइमोपैपेन और पपैन। ये दो एंजाइम प्रोटीन को पचाते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। सूजन को कम करते हैं। पपीते में फाइबर और पानी की मात्रा भी अधिक होती है, जो कब्ज को रोकने में मदद करती है। यह एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है।
आपकी छोटी आंत को पचाने में मदद करने के लिए कुछ एंजाइम जारी करती है चीनी। अणुओं को तब आंतों की दीवार के माध्यम से रक्तप्रवाह में अवशोषित किया जाता है, जहां उनका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है।