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डायबिटीज को जड़ से खत्म किया जा सकता है या नहीं (can diabetes be cured permanently)—
ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो या तो खुद डायबिटीज से जूझ रहा है या फिर
उसके परिवार में कोई इस बीमारी का शिकार है।
भारत में तेजी से बढ़ रही इस बीमारी ने लाखों लोगों की दिनचर्या
, खान-पान और जीवनशैली को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या डायबिटीज को
जड़ से खत्म किया जा सकता है या केवल कंट्रोल ही किया जा सकता है?
आप यह हिंदी लेख KaahanAyurveda.com पर पढ़ रहे हैं..
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में इंसुलिन (Insulin)
नामक हार्मोन की मात्रा कम या पूरी तरह बंद हो जाती है।
यह हार्मोन रक्त में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।
जब इंसुलिन का प्रोडक्शन ठीक से नहीं होता, तब ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है
और यही स्थिति डायबिटीज कहलाती है।
यह एक ऑटोइम्यून कंडीशन है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम ही
पैंक्रियाज की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।
यह अधिकतर बच्चों और युवाओं में होती है।
यह सबसे सामान्य प्रकार की डायबिटीज है।
इसमें शरीर इंसुलिन तो बनाता है लेकिन उसका उपयोग नहीं कर पाता।
यह ज़्यादातर 40 की उम्र के बाद होती है लेकिन अब युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
यह महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होती है और बच्चे के जन्म के बाद सामान्य हो सकती है।
लेकिन यह भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकती है।
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अब बात करते हैं उस सबसे जरूरी सवाल की—क्या डायबिटीज को जड़ से खत्म किया जा सकता है?
सीधे शब्दों में कहें तो टाइप 1 डायबिटीज को अभी तक जड़ से खत्म करने का कोई प्रमाणित इलाज नहीं है।
इसमें इंसुलिन लेना जीवनभर जरूरी होता है। हालांकि वैज्ञानिक इसपर लगातार रिसर्च कर रहे हैं।
लेकिन बात करें टाइप 2 डायबिटीज की, तो उसे पूरी तरह खत्म करना संभव तो नहीं,
लेकिन कुछ मामलों में उसे रिवर्स किया जा सकता है।
यानी, अगर सही जीवनशैली अपनाई जाए तो शुगर लेवल नॉर्मल आ सकता है
और दवाइयों की जरूरत भी खत्म हो सकती है।
फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्ज़ियां, साबुत अनाज, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स जैसे चना, दाल, ओट्स आदि का सेवन करें।
हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट तेज चलना, योग, साइकलिंग या स्ट्रेचिंग करें।
body में insulin की संवेदनशीलता (insulin sensitivity) को बढ़ाता है।
मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए वज़न घटाना बेहद जरूरी है।
ध्यान (meditation), प्राणायाम और पर्याप्त नींद लेने से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
मेथी, जामुन के बीज, गुड़मार, करेला, आंवला आदि आयुर्वेदिक उपाय ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।
आयुर्वेद में डायबिटीज को ‘मधुमेह’ कहा जाता है और इसके कई नेचुरल उपचार बताए गए हैं।
हालांकि आयुर्वेद डायबिटीज को जड़ से खत्म करने का दावा नहीं करता,
लेकिन इसके माध्यम से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियाँ:
1: डायबिटीज केवल बूढ़ों की बीमारी है। सच: यह बच्चों और युवाओं में भी हो सकती है।
2: मीठा खाने से डायबिटीज होती है। सच: केवल मीठा नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल का बड़ा योगदान होता है।
3: इंसुलिन शुरू होते ही जिंदगी खत्म हो जाती है। सच: इंसुलिन जीवन बचाने में मदद करता है।
तो दोस्तों, डायबिटीज को जड़ से खत्म करना अभी पूरी तरह संभव नहीं है, खासकर टाइप 1 के मामले में। लेकिन टाइप 2 डायबिटीज को आप लाइफस्टाइल सुधार, डाइट, एक्सरसाइज और आयुर्वेदिक उपायों से कंट्रोल या रिवर्स जरूर कर सकते हैं।
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स्वस्थ रहें, जागरूक रहें।