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दोस्तों नामर्दी की समस्या जिसे नपुंसकता (napunsakta) भी कहते हैं। ये एकदम से नहीं आती है। बल्कि धीरे-धीरे और अपने होने का अंदेशा देते हुए आती है। जिसे आप चाहें तो वहीं पर इसे रोक सकते हैं। लेकिन आपके द्वारा इसे अनदेखा करना। लापरवाही बरतना। ये सब बातें इस समस्या को और भी बढ़ा देती हैं। कई मामलों में तो बात शादी टूटने तक भी पहुंच जाती है। तो आज हम इस हिंदी लेख के माध्यम से। आपकी इस समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे।
सर्वप्रथम आपको नपुंसकता (impotency) से घबराना की जरूरत नहीं है। क्योंकि ये समस्या कोई आज की नहीं है। कई हजारों साल पहले भी लोगों को होती थी। लेकिन उस समय कई ज्ञानी आयुर्वेदा के ज्ञाता महात्मा लोग होते थे। नीम-हकीम होते थे। जो इस समस्या को जड़ से ठीक कर देते थे।
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लेकिन आज ऐसे महान अनुभवी वैद्य व नीम-हकीमों की संख्या कम हो गई है। उस समय के ज्ञानियों ने भी नपुंसकता इलाज यानी जड़ी-बूटी बता दी थी। वही इलाज हम आपको बता रहे हैं। यह जड़ी-बूटी नपुंसकता में बहुत ही ज्यादा असरदार है। इस जड़ी-बूटी का नाम है सफेद मूसली (safed musli benefits for men)।
यह औषधि भारत में भारी संख्या में पाई में जाती है। आयुर्वेदिक दवाईयों की दुकानों पर। या देशी दवाखानों में आसानी से ये मिल जाती है। इसके जबरदस्त फायदों को देखते हुए ही इसकी कीमत निर्धारित की जाती है। आप इसे खरीदने जायेंगे तो लगभग। 500 रु. से 2 ढाई हजार रु. किलो तक आपको ये प्राप्त हो सकती है।
इस जड़ी-बूटी का असली फायदा क्या है? इसका काम क्या है? इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है। तो बता दें कि हमारे पाचन को ठीक रखने के बाद। इसका जो सबसे बड़ा काम है, वो है शरीर में वीर्य की मात्रा को बढ़ाना। क्योंकि वीर्य की कमी के कारण ही नपुंसकता की समस्या (impotency problem) होती है। जैसा कि हमने पहले कहा, यह समस्या धीरे-धीरे आती है। ठीक ऐसे ही इसका इलाज भी धीरे-धीरे ही होता है।
लेकिन जो लोग सफेद मूसली का सेवन बेहतर तरीके से करते हैं। ऐसे लोगों को केवल एक महीने में ही जबरदस्त रिजल्ट देखने को मिल जाते हैं। मात्र 30 दिन में ही। 20 -21 साल के मनचले युवकों जैसी जवानी हासिल हो जाती है।
सफेद मूसली का सेवन करने से पहले। सेवन करने का सही तरीका समझना जरूरी है। अक्सर कई पुरूष भाई इसे पीसकर दूध के साथ गटक जाते हैं। फिर जब कोई रिजल्ट नहीं मिलता। तो बहुत ज्यादा परेशान होकर आयुर्वेद को ही कोसने लगते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार हर औषधि का सेवन करने का अपना एक तरीका होता है। जैसे कि चूर्ण के रूप में लेना है? या वटी के रूप में खानी है? यकाढ़ा बनाकर पीना है? पाक के रूप में लेना है? या फिर कोई भी तरीके से लेना है?
ठीक ऐसे ही आयुर्वेद में सफेद मूसली को लेने का सही तरीका। ‘पाक’ के रूप में लेने को बताया गया है। और इस पाक को बनाने का जो सूत्र है उसे कहते हैं ‘मूसली पाक’।
इस पाक को घर पर बनाना इतना आसान नहीं होता है। क्योंकि इसमें और भी कई दुर्लभ जड़ी-बूटियों का मिश्रण मिलाया जाता है। जो मूसली पाक को पचाने में मदद करती हैं, इसे और भी ज्यादा पॉवरफुल और असरदार बनाती हैं। लेकिन ये सभी जड़ी-बूटियां एक साथ उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। कहीं ये जड़ी-बूटी नहीं मिलती, तो कहीं कोई जड़ी-बूटी नहीं मिलती।
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कुछ जड़ी-बूटियों के नाम हम आपको बताते हैं सफेद मूसली तो खास है ही, इसके साथ जैसे- दालचीनी, देसी घी, पिप्पली, सौंठ, तेज पत्ता, शतावरी, गोखरू, जायफल, चित्रक, कौंच बीज, अकरकरा, बंगभस्म आदि जड़ी-बूटियां पाक बनाने के लिए चाहिए होती हैं। लेकिन कहीं न कहीं कोई जड़ी-बूटी रह जाती है।
आप किसी भी बढ़िया आयुर्वेदिक कंपनी का बना-बनाया फॉर्मूला ले सकते हैं। जैसे कि ‘काहन आयुर्वेदा’ (kaahan ayurveda) कंपनी का बना-बनाया आयुर्वेदिक फॉर्मूला ‘पेनीवेन’ (Penivein) ले सकते हैं। नामर्दी, नपुंसकता और शीघ्रपतन (shighrapatan) के लिए विशेष जड़ी-बूटियों से तैयार औषधि है।
जैसे ही आप इसे सेवन करना शुरू करेंगे।
लेकिन जबतक आपकी समस्या पूरी तरह ठीक ना हो जाये। तब तक खुद पर संयम रखें। किसी भी प्रकार का मैथुन ना करें।
परहेज में ज्यादा तेल वाली चीजें ना खायें और खट्टी चीजों का सेवन ना करें।