मधुमेह रोग का आयुर्वेदिक उपचार (Madhumeh rog ka ayurvedic upchar)
क्या आयुर्वेद में मधुमेह रोग का उपचार है? (Kya ayurved me madhumeh rog ka upchar hai?)

प्रिय मित्रों आज की तारीख में मधुमेह (madhumeh) का मकड़ जाल तेजी से फैल रहा है।
बड़ों से लेकर बच्चों तक में शुगर की समस्या देखने को मिल रही है।
पहले के जमाने में यह रोग केवल 60 से ऊपर वर्ष के लोगों में ही देखने को मिलता था।
लेकिन आज बच्चे भी इसका शिकार आसानी से हो रहे हैं।
मधुमरोग यानी ब्लड शुगर को नियंत्रित करना आज जैसे एक चुनौती सा बन गया है।
मगर आयुर्वेद के होते हुए प्रिय मित्रों आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है।
आयुर्वेद व घरेलू उपचार इतने प्रबल हैं कि अच्छी जीवन अपना कर इनका
अनुसरण करने से मधुमेह को शीघ्र की नियंत्रण में किया जा सकता है।
बहुत से लोगों ने आयुर्वेद की मदद से अपना शुगर कंट्रोल किया है। अब आपका समय और और आपकी बारी है।
बस आपको नियमितता और कुछ परहेज करने की आवश्यकता है।
शुगर को नियंत्रण में करने के लिए सबसे जरूरी काम है योग और दूसरा है व्यायाम व सैर करना।
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मधुमेह रोग के प्रमुख कारण (Madhumeh ke karan in hindi)

डायबिटीज यानी मधुमेह रोग में रक्त में शर्करा के स्तर में वृद्धि हो जाती है।
भारत में तो विशेषकर इस रोग के शिकार लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।
यूं तो मधुमेह रोग के लिए जिम्मेदार मुख्य रूप से इंसुलिन की गड़बड़ी को ठहराया जाता है।
किन्तु अधिक तनाव और बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल भी इसके लिए जिम्मेदार होती है।
इसके अलावा डायबिटीज़ के कारण होते हैं वर्कआउट या व्यायाम ना करना।
बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना। हमेशा आलस व बहुत ज्यादा नींद लेना।
जरूरत से ज्यादा आरामदेह जीवन शैली। बढ़ा हुआ मोटापा।
चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का ज्यादा सेवन करना।
कभी-कभी ये वंशानुगत भी होता है।
डायबिटीज़ के लक्षण (Diabetes ke lakshan in hindi)

अगर आपको ये जानना हो कि कहीं आप डायबिटीज़ के शिकार तो नहीं हो गये हैं।
ऐसे में ये कुछ निम्नलिखत लक्षण हैं। जिनकी मदद से आप मधुमेह रोग होने की निश्चितता को महसूस कर सकते हैं।
- जैसे कि रात्रि में अधिक बार या बारा-बार पेशाब आना।
- आंखों से धुंधला दिखाई प्रतीत होना।
- जरा सी मेहनत में बहुत ज्यादा थकान व कमजोरी महसूस होना।
- पैरो का सुन्न होना।
- बार-बार प्यास लगना यानी पानी अधिक पीना।
- छोटे-मोटे घाव का अधिक समय में भरना या फिर भरना ही नहीं
- जल्दी-जल्दी भूख लगना।
- शरीर का कमजोर होना या वजन घटना।
- त्वचा का संक्रमित होना।
शुगर की समस्या से कैसे बचें? (Sugar ki samasya se kaise bache?)
यदि आप भी शुगर की बीमारी (sugar ki bimari) से पीड़ित हैं, तो आपको चिकित्सक से अवश्य दिखाना चाहिए।
उनकी उचित सलाह ही आपके लिए सर्वोत्तम इलाज साबित हो सकता है।
लेकिन फिर भी आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
दरअसल कुछ घरेलू उपायों की मदद से आप डायबिटीज से बच सकते है।
इसकी रोकथाम कर सकते हैं। आइए जानने का प्रयास करते हैं।
डायबिटीज कंट्रोल करने के घरेलू तरीके (Diabetes control karne ke gharelu tarike)

- शुगर की समस्या में बबुल के 3 ग्राम गोंद के चूर्ण को दूध के साथ सेवन करना चाहिए। शीघ्र ही मधुमेह में नियंत्रण होता है। आप स्वस्थ और बेहतर महसूस कर पाते हैं।
- केवल 5 दिन ये उपाय करें। शुगर नियंत्रण में हो जायेगा। बेल की जड़ों को कूटकर चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण को छानने के बाद इसकी एक चम्मच की मात्रा में आधा चम्मच बेल के पत्तों का रस मिलायें। सुबह-शाम खाली पेट इसे सेवन करें।
- लहसुन से डायबिटीज को कंट्रोल कैसे करें? तो इसके लिए आपको क्या करना है ध्यान से समझें। लहसुन की 7 से 8 कच्ची कलियों का रस निकाल लें और इसे बेल के पत्तों के रस के साथ मिलाकर सेवन करें। सुबह के समय ये प्रयोग करें शीघ्र परिणाम देखने को मिलेंगे।
- शहद आप 7 ग्राम के करीब लें। 5 ग्राम के करीब पाषाणभेद और लगभग 40 ग्राम हरी ताजी गिलोय का रस लें। इन्हें आपस में मिलाकर 30 दिन तक नियम से सेवन करें। इस रामबाण नुस्खे से शुगर की बीमारी जड़ से ठीक हो जाती है। यह नुस्ख बहुत ही प्रभावशाली है। आप इसे जरूर करें। ईश्वर की कृपा रही तो आपको शीघ्र की परमलाभ की प्राप्ति होगी।
डायबिटीज मरीज को क्या खाना चाहिए? (Diabetes ke patient ko kya khana chahiye)
शुगर यानी डायबिटीज़ रोगी को अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है।
साथ ही एक अच्छी लाइफ स्टाइल भी जरूरी होता है।
दरअसल मधुमेह रोग ऐसा है, जो अन्य रोगों को निमंत्रण देने का काम कर सकता है।
यानी शुगर अन्य रोग की वजह बन सकता है।
डायबिटीज हमारी बॉडी में इसुंलिन के स्तर (insulin level) को अनियंत्रित करती है।
इसलिए मधुमेह रोगी को दवाईयों के साथ-साथ खानपान का भी ध्यान रखना जरूरी होता है।
यदि आप अपने ब्लड शुगर के स्तर को संभालना (manage sugar level) चाहते हैं,
तो आपको ऐसे में अपनी डाइट को भी मैनेज करना चाहिए।
वैसे भी देखा गया है कि मधुमेह रोगी अपने खानपान के लिए सचेत रहते हैं।
डायबिटीज में क्या खाना चाहिए या क्या नहीं खाना चाहिए? इस प्रश्न को बहुत पूछा जाता है।
इसलिए हम आपको इस हिंदी लेख में ऐसी 5 चीजों के बारे में बता रहे हैं।
जिनका सेवन शुगर के रोगियों को नहीं करना चाहिए।
शुगर के रोगी इन फूड्स से करें परहेज
किशमिश

मधुमेह रोगियों को किशमिश के सेवन से बचना चाहिए। ये एक मीठा ड्राई फ्रूट होता है। ऐसे में किशमिश का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
चीकू

यदि आप फलाहार करते हैं और चीकू के शौकीन हैं, तो बंद कर दीजिए। मधुमेह रोगियों को चीकू का सेवन नहीं करना चाहिए। चीकू खाने में बेहद मीठा होता है। इसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स में भी अधिक वृद्धि होती है। इसलिए यदि आपको शुगर है, तो चीकू खाने से बचें।
व्हाइट ब्रेड

डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित लोगों को अपने खाने-पीने का अधिक ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि आप ब्रेड खाते हैं, तो व्हाइट ब्रेड का सेवन बिल्कुल ना करें। आपको ऐसी चीजें नहीं खानी चाहिए जिसमें स्टार्च अधिक हो। व्हाइट ब्रेड में स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है। जोकि ब्लड शुर का लेवल बढ़ा देता है। आपको समस्या हो सकती है।
फुल फैट मिल्क

दूध को स्वास्थ्य वर्धक माना जाता है। दूध बच्चों से लेकर बड़ें तक पिएं तो हेल्दी रहता है। दूध में सभी प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इसलिए दूध को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। लेकिन आप मधुमेह रोगी हैं, तो ऐेसे में आपको फुल फैट मिल्क नहीं पीना चाहिए। अधिक फैट से इसुंलिन का स्तर बढ़ जाता है। आप दूध पीना ही चाहते हैं, तो कोशिश करें कि लो फैट मिल्क ही पिएं।
आलू

सब्जी में आलू का सेवन डायबिटीज के रोगियों को बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए। शुगर पेशेंट्स के लिए आलू का नियमित सेवन गंभीर साबित हो सकता है। दरअसल आलू में हाई कार्बोहाइड्रेट होता है। इसके अलावा आलू में ग्लाइसेमिक इंडेक्ट भी काफी बढ़ा हुआ होता है। आलू के सेवन से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
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मधुमेह की आयुर्वेदिक दवा (Diabetes ki ayurvedic dawa)

प्राकृतिक तरीके से मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए बहुत से विकल्प आज बाजार में उपलब्ध हैं।
लेकिन फिर भी कुछ आयुर्वेदिक दवाईयाँ हैं, जिनके नियमित सेवन से मधुमेह को स्वस्थ तरीके से नियंत्रण में रखा जा सकता है।
अन्य स्वस्थ लोगों की तरह सामान्य जीवन जिया जा सकता है।
ऐसी ही एक जबरदस्त नेचुरल हर्बल मेडिसिन है जिसका नाम है- मधुअल्प (MADHUALP)।
विशुद्ध जड़ी-बूटियों के मिश्रण से इस आयुर्वेदिक दवा का निर्माण किया गया है।
जिनकी मदद से शुगर लेवल पूरी तरह कंट्रोल में रहता है। शरीर स्वस्थ रहता है।
दिल से संबंधित रोग दूर रहते हैं और आपको एक सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है।
हर उम्र के व्यक्ति के लिए यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
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