महिलाओं के लिए सबसे अच्छा टॉनिक कौन सा है? |Mahilao ke liye sabse acha tonic kon sa hai?) | Vanital
महिलाएं टॉनिक से स्वस्थ कैसे रहें? (Mahilayen tonic se swasth kaise rahe?)

शरीर को ऊर्जावान, स्वस्थ और फिट रखने के लिए आज कई प्रकार के टॉनिक (tonic) बाजार में उपलब्ध हैं। जहां तक महिलाओं के लिए टॉनिक की बात है, तो वह भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। लेकिन आज इस टॉनिक की जरूरत (tonic) पड़ क्यों रही है, ये भी समझना बहुत आवश्यक है।
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क्यों नहीं रह पाती हैं महिलाएं स्वस्थ और फिट (Kyu nahi reh pati hai mahilayen swasth or fit)

दरअसल आज की नारी घर के साथ-साथ बाहरी काम-काज में भी परिपूर्ण है। इसी मेहनत और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाती हैं। ऐसी कई परेशानियां होती हैं, जिन पर महिलाओं का ध्यान ही नहीं जाता। फिर आगे चलकर यही छोटी-छोटी लापरवाहियां बड़ी समस्या को निमंत्रण देने का काम करने लगती हैं। भारतीय महिलाओं की ये विशेषता है कि वे अपने परिजनों का तो ध्यान अच्छे रखती हैं। लेकिन एक कमी ये भी है कि वो खुद का ध्यान नहीं रखती हैं। या फिर समय ही नहीं निकाल पाती हैं खुद के स्वास्थ्य के लिए।
ऐसे में शक्ति, ऊर्जा और जोश की कमी को पूरा करने के लिए हर्बल टॉनिक (herbal tonic) की जरूरत पड़ सकती है। आगे इस हिंदी लेख में हम आपको बतायेंगे कि महिलाओं के लिए सबसे अच्छा टॉनिक (tonic) कौन सा है?
महिलाओं के लिए हेल्थ टिप्स (Women health tips in hindi)

इन टिप्स की मदद से महिलाएं खुद को हमेशा फिट और स्वस्थ रख सकती हैं। अपना ख्याल रखेंगी तभी तो अपनों का ख्याल रख पायेंगी।
तनाव कम लें

तनाव यानी चिंता। कहते हैं चिंता, चिता समान होती है। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि जितना हो सके तनाव कम लें। अधिक स्ट्रेस लेने से बांझपन की समस्या से लेकर, डिप्रेशन, हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। खुश रहने का प्रयास करें। जिंदादिली से जिएं।
डाइटिंग बंद कर दें

अगर आपको हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी गई है, तो इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है, कि आप खाना ही छोड़ दें। अपने पसंदीदा भोजन का परित्याग कर दें। हेल्दी डाइट से मतलब है कि आपको ऐसा आहार लेना है जो पोषण युक्त हो। फैट और कैलोरी युक्त हो। आपको चाहिए ऐसा आहार लें, जिसमें लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट, स्मार्ट कार्ब्स और फाइबर की अच्छी मात्रा शामिल हो।
कार्डियो व अन्य एक्सरसाइज

किसी भी प्रकार का व्यायाम हो, व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसलिए अपने डेली रूटीन में व्यायाम को जरूर शामिल करें। विशेषकर महिलाओं को सप्ताह में कम से कम 4 से 5 बार कार्डियो और वजन उठाने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। जैसे कि डंबल उठाना इत्यादि। ये एक्सरसाइज महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस, कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग में बचाव करते हैं। व्यायाम महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
शारीरिक मिलन करें

यदि आप शादीशुदा हैं, तो तनाव को कम करने के लिए संभोग एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। साथ ही कोई पुराना रोग हो, तो उसके खतरे को भी कम कर सकता है। मगर ये तभी संभव है जब आप संभोग खुश होकर अपनी इच्छा से करें। इसका आनंद लेंगे। बाहरी मन से किया गया संभोग व्यर्थ है। अगर कोई कारण आपको यौनसुख प्राप्त करने से रोकता हो जैसे कि दर्द, सूखापन, तो इसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
भरपूर नींद लें

खुद को लंबे समय तक फिट और स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है। हमारे शरीर को पर्याप्त आराम की बेहद जरूरत होती है। ये तभी संभव है जब हम नींद भी पर्याप्त मात्रा में लेंगे। जब हम भरपूर और गहरी नींद लेते हैं, तो शरीर में सभी प्रकार की इन्द्रियों को भी आराम मिलता है। शरीर का अच्छे से विकास होता है। अगले दिन के काम के लिए एक नई ऊर्जा शक्ति का संचार होता है। इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। अन्यथा नींद की कमी आपको हृदय रोग और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के जोखिम में डाल सकता है।
शराब और धूम्रपान न करें

आज के दौर में कहीं न कहीं महिलाएं भी शराब व धूम्रपान के चलन में शामिल हो गई हैं। जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। यदि आप हमेशा स्वस्थ और ऊर्जावान रहना चाहती हैं, तो आज ही धूम्रपान और शराब का त्याग कर दें। ये सब बुरी आदतें आपको अनकों रोग दे सकते हैं। यहां तक कि कैंसर और हृदय रोग जैसी प्राण घातक बीमारियों को निमंत्रण दे सकते हैं। इसलिए पूरा प्रयास करें कि शीघ्र ही इनसे छुटकार पा लें।
मौखिक स्वास्थ्य पर दें ध्यान

ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मौखिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। जिस तरह शरीर के अन्य भागों का स्वस्थ रहना जरूरी है। ठीक ऐसे ही मौखिक रूप से स्वस्थ रहना भी बेहद जरूरी है। महिलाएं हों या पुरूष दोनों को अपने दाँतों को साफ रखना चाहिए। इसके लिए एक बार सुबह उठकर ब्रश करना चाहिए। दूसरी बार रात को भोजन करने के बाद ब्रश करके सोना चाहिए। फिर भी किसी प्रकार की कोई समस्या होती है, तो तुरन्त किसी अच्छे डेंटिस्ट को दिखायें।
उपरोक्त सुझाये गये इन आसान हेल्थ टिप्स का अनुसरण करके महिलाए स्वयं को स्वस्थ रख सकती हैं। ये ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपने शरीर का ही नहीं, अपने दिमाग व दिल को भी स्वस्थ रख पायेंगी।
आयुर्वेदिक सिरप बतायें महिलाओं के लिए (Mahilaon ke liye ayurvedic tonic)

वेनीटल (Vanital) एक ऐसा हर्बल यानी आयुर्वेदिक सिरप (tonic) है, जोकि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान है। ये हर्बल टॉनिक (tonic) महिलाओं में स्वास्थ्य से संबंधित कई प्रकार के रोगों में मददगार है। इसके अलावा महिलाएं इस सिरप के नियमित सेवन से बहुत सी समस्याओं में आराम महसूस कर पाती हैं। जैसे कि मासिक धर्म दोष, रजोनिवृत्ति के समस्य होने वाली समस्या, हार्मोनल असंतुलन, मासिक चक्र की अनियमितता, सूजन, कमजोरी, थकान, तनाव, भूख ना लगना, सिर दर्द, बदन दर्द, ऐंठन, श्वेत प्रदर इत्यादि।
वेनीटल की जानकारी (Vanital short information)
Vanital (herbal tonic) का निर्माण जानी-मानी आयुर्वेदिक कंपनी ’काहन आयुर्वेदा’ (kaahan ayurveda) द्वारा किया जाता है। इसे आप फ्लिपकार्ट (flpkart) और अमेजन (amazon) जैसी प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी से भी ऑनलाइन ऑर्डर (online order) कर सकते हैं।
वेनीटल टॉनिक (vanital tonic) प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है, जोकि महिलाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। इसे 27 जड़ी-बूटियों की शक्तियों से मिलाकर तैयार किया जाता है।
कितना भरोसमंद वेनीटल?
बेशक आज महिलाओं ने खुद को सक्षम व परिपूर्ण साबित कर दिया हो, लेकिन फिर भी माह में कुछ 5-6 दिन ऐसे हैं, जो उनकी शक्ति व ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं। जिसकी वजह से उन्हें कमजोरी, थकान, जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। भूख की कमी, शारीरिक कमजोरी, दर्द व थकान उनकी पूरी दिचर्या को प्रभावित कर देती हैं। इसलिए इन सभी प्रकार की समस्याओं से लड़ने के लिए ‘काहन आयुर्वेदा’ का प्राकृतिक हर्बल सिरप ‘वेनीटल’ एकदम बेहतर विकल्प है। साथ ही यह भरोसेमंद भी है।
वेनीटल महिलाओं के इन मुश्किल दिनों में एक बहुत ही भरोसेमंद आयुर्वेदिक टॉनिक (ayurvedic tonic) है। इस हर्बल सिरप में 27 प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का घोल शामिल है। जैसे कि अशोक छाल, माजूफल, दालचीनी, लौंग, सौंठ, अनंतमूल, हरड़, गुड़फल, मोचरस, बेलगीरि नागरमोथा इत्यादि। ये सभी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां महिलाओं की विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में संजीवनी की तरह काम करते हैं। महिलाओं को अंदरूनी और बाहरी रूप से सशक्त बनाने में सक्षम हैं। इन प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का संगम महिलाओं में एक नई ऊर्जा का संचार करके उनके स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
वेनीटल ही क्यों? (Why vanital?)

निम्नलिखत गुणों के आधार पर ही वेनीटल को अधिकतर महिलाओं में खूब पसंद किया जाता है। आइए जानते हैं..
मासिक चक्र की सही नियमितता
समय पर मासिक धर्म न होना काफी हद तक आपको अंदर से झकझोर देता है। तनाव को बढ़ा देता है। वेनीटल टॉनिक (vanital tonic) मासिक चक्र की अनियमितता को ठीक करके आपको तनावरहित रखने में सहायक है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आप लंबे समय तक ऊर्जावान और स्वस्थ रहते हैं।
कमजोरी और थकान दूर करता है
पूरे दिन के काम के लिए शरीर में अच्छी-खासी ऊर्जा को बनाये रखता है। कमजोरी और थकान को आपको महसूस नहीं होने देता। रोजमर्रा के काम आप आसानी से बिना थके कर पाते हैं। यह आयुर्वेदिक टॉनिक आपको हमेशा फुर्तीला और स्वस्थ बनाये रखता है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
आपकी इम्युनिटी को बढ़ाकर आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है। आपको अंदर से और बाहर से स्ट्रॉन्ग बनाता है। इसकी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां आपको छोटे-मोटे संक्रमण से बचाकर निरोग रखने में सहायता करते हैं। इसका नियमित सेवन आपको एक विशेष मजबूती प्रदान करता है।
रजोनिवृत्ति के समय आराम
वेनीटल महिलाओं के लिए एक हेल्थ टॉनिक (health tonic) है। ये मेनोपॉज (menopause ) यानी रजोनिवृत्ति के दौरान पेश आने वाली समस्याओं जैसे वेजाइनल डिस्चार्ज, घबराहट, चिड़चिड़ापन, कमर कटना आदि में आराम पहुंचाता है। इतना ही नहीं मानिसक स्वास्थ्य में भी बेहद लाभकारी है।
रक्त शुद्ध करता है
यह हर्बल टॉनिक शरीर में खून का शुद्धिकरण करता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर आपको अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में मदद करता है।
श्वेत प्रदर निवारक
आमतौर पर महिलाओं को होने वाली सफेद पानी (श्वेत प्रदर) की समस्या में वेनीटल सिरप का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें मौजूद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां यौनांगों को स्वस्थ रखकर कमजोरी को दूर भगाते हैं। सुखद यौन जीवन जीने में मदद करते हैं।
वेनीटल कैसे काम करता है? (How works vanital?)

यह हर्बल टॉनिक (herbal tonic) महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद हितकारी है। इसमें मौजूद 27 विभिन्न प्रकार की विशेष जड़ी-बूटियों की शक्तियां महिलाओं में ऊर्जा, ताकत, जोश और उत्साह को बनाये रखने में विशेष भुमिका निभाते हैं। शरीर से विषाक्त पदार्थों को निष्कासित करके अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करती है। त्वचा को भी बाहर से और अंदर एक नई शक्ति प्रदान करती है।
इसके अतिरिक्त महिलाओं में थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, तनाव, ऐंठन, कमर कटना, भूख की कमी, जोश की कमी, मासिक चक्र की गड़बड़ी, हार्मोनल असंतुलन, रजोनिवृत्ति कष्ट आदि समस्याओं में लाभकारी है। महिलाओं को अच्छा स्वास्थ्य देन में, ऊर्जावान बनाये रखने में और एक खुशहाल जीवन जीने के लिए नियमित रूप से वेनीटल सिरप का सेवन लाभकारी माना जा सकता है।
वेनीटल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और आपको संक्रमण से दूर रखता है। यह प्राकृतिक हर्बल सामग्री का एक परीक्षण और शक्तिशाली सूत्रीकरण है। यह दुनिया भर में महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन में बहुत मददगार है। यह एक शुद्ध तरलयुक्त हर्बल टॉनिक (natural tonic) है, जो हर प्रकार से महिलाओं को स्वस्थ रखने में सहायक है।
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हर्बल सिरप वेनीटल में मौजूद जड़ी-बूटियां एवं गुण
अशोक छाल
इस पेड़ के पत्तों का उपयोग अधिकतर महिलाओं के रोग के लिए किया जाता है। स्त्रियों में मासिक चक्र की गड़बड़ी के उपचार में यह बहुत ही फायदेमंद माना जाता है अशोक छाल। महिलाओं में गर्भाशय की मांसपेशियों और एंड्रोमैट्रियल के लिए यह बेहतर इलाज है।
लोध्रा छाल
यह महिलाओं के रोगों के लिए एक रामबाण औषधी है। साथ ही आंख, कान, मुंह के रोगों में भी कारगर है। रक्त की उष्णता, मधुमेह, सूजन, अरूचि, विष और जलन को दूर करता है। पाचन संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है। वजन कम करने में लोध्रा छाल का उपयोग किया जा सकता है।
धाय फूल
यह फूल के रूप में एक ऐसी औषधी है, जो महिलाओं के लिए रामबाण है। महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद करते हैं ये फूल। साथ ही श्वेत प्रदर में भी धाय फूल के चूर्ण का सेवन करने से ये समस्या ठीक हो जाती है। मधुमेह, बुखार, नाक से खून बहने की समस्या में भी कारगर है।
मुनक्का
महिलाओं के लिए मुन्नके का सेवन बेहद लाभकारी होता है। खून को साफ करने के लिए प्रसिद्ध है मुनक्का। मासिक धर्म के समय इसका सेवन करने से ये बॉडी को डिटॉक्स करके खून का थक्का बनने से रोकता है। साथ ही पीरियड् के समय होने वाले दर्द में आराम देता है।
जीरा सफेद
इसमें लगभग 20 से 40 फीसदी क्यूमेल्डिहाइड (ब्नउपदंसकमीलकम) होता है। साथ ही इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई भी काफी अच्छी मात्रा में होता है। ये सभी गुण आपको हेल्दी लाइफ जीने में मदद करते हैं। आपको अंदरूनी शक्ति देते हैं।
नागरमोथा
भूख की कमी, पाचन से संबंधित विकार के इलाज में नागरमोथ बेहद उपयोगी होता है। साथ ही बुखार, नेत्रों के रोग और पेट के कीड़ों का नाश करने में भी सहायक है। केवल इतना ही नहीं, जिन महिलाओं को स्तनपान के समय स्तन में दूध नहीं बनता है। उनके लिए भी नागरमोथा बेहद लाभकारी औषधी है।
सौंठ
ये एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है, जो इम्युनिटी को बढ़ाती है। वजन कम करने में सहायक है। पाचन विकार, सूजन को ठीक करने में मदद करती है। बुखार, जुकाम आदि में बढ़िया है। गर्भवती महिलाओं के लिए सौंठ पाउडर का सेवन उपयोगी साबित हो सकता है। मॉर्निंग सिकनेस और मितली के लिए रामबाण है।
दारू हल्दी
प्रति खुराक 25 (ग्राम)आयुर्वेद में दारू हल्दी को एक विशेष जड़ी-बूटी माना गया है। इसका इस्तेमाल कान, आंख व पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। मधुमेह नियंत्रक औषधी के रूप में भी इसे जाना जाता है। घाव सुखाने, हड्डियों को जोड़ने में भी इस औषधी इस्तेमाल किया जाता है। गठिया व जोड़ों के दर्द में भी है कारगर।
कमल फूल
शायद आप नहीं जानते होंगे कि कमल फूल एक बेहतर औषधि की तरह भी काम में आता है। कई रोगों के इलाज में कमल के फूल के फायदे मिलते हैं। यदि आपको बहुत ज्यादा प्यास लगती है, जलन, मूत्र रोग, कफज दोष, बवासीर आदि समस्या रहती है। तो ऐसे में आप में कमल के फूल से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। त्वचा में निखार लाने में भी फायदा पहुंचाती है।
हरड़
हरड़ का सेवन आपके पाचन तंत्र को ठीक रखता है। गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में कारगर माना गया है। हरड़ का सेवन उल्टी में भी राहत दिला सकता है। वजन घटाने में भी हरड़ काफी लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए हरड़ काम आता है। इसका इस्तेमाल सिर दर्द और बदन दर्द आदि में भी किया जाता है।
बहेड़ा
यह आँखों के लिए लाभकारी और बालों के लिए पोषक होता है। इसके अलावा असमय बाल पकने, गला बैठने, नाक संबंधी रोग, रक्त विकार, कंठ रोग तथा हृदय रोगों में फायदेमंद होता है। बहेड़ा की छाल खून की कमी, पीलिया और सफेद कुष्ठ में हितकारी है। महिलाएं अपने बालों को लंबे समय तक काले रखने में बहेड़ा के उपयोग कर सकती हैं ।
आंवला
महिलाओं के लिए आंवला का प्रयोग कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है। जैसे कि चेहरे पर दाग-धब्बे दूर करके चेहरे की सुंदरता को बढ़ा सकती हैं। बालों को घना व काला रख सकती हैं। इतना ही नहीं आंवले में मौजूद कुछ मिनरल और विटामिन मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन में फायदेमंद होते हैं। मासिक चक्र की अनियमितता को ठीक करता है।
शतावरी
शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो महिलाओं की समस्याओं को दूर करने में बेहद प्रभावी। शतावरी के प्रयोग से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा इस दौरान होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने में भी शतावरी फायदेमंद होता है। इसलिए मासिक धर्म के समय महिलाओं को शतावरी का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
नागकेसर
ये एक ऐसा फूल है जिसका इस्तेमाल इनफर्टिलिटी की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। इससे मासिक धर्म से जुड़ी कई तरह की समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। फर्टिलिटी से जुड़ी जो भी परेशानी होती है, उसके लिए वात दोष में असंतुलन विशेष होता है। नागकेसर असंतुलित हुए वात दोष में सुधार करता है। नागकेसर का पाउडर एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। ये एंटीऑक्सीडेंट अंडे की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
वासामूल
वासा को अडूसा भी कहते हैं। ये आयुर्वेदिक फूल है। इसका इस्तेमाल महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। डिलीवरी के समय होने वाली पीड़ा को कम करने में मदद करता है ये फूल। इसके अलावा श्वेत प्रदर को ठीक करता है और श्वेत प्रदर के कारण आई कमजोरी को भी दूर करने में मदद करता है।
खस
यह एक प्रकार का ग्रास होता है जिसमें बेशुमार औषधीय गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल हृदय रोग, खांसी, त्वचा संबंधी समस्याओं, उल्टी, ज्वर, धातुदोष, सिर दर्द, रक्त दोष, श्वास संबंधी समस्या, पित्त रोग, मांसपेशियों की एंठन और महिलाओं में हार्मोनल समस्याओं में भी लाभकारी है।
रसौत
रसौत नामक जड़ी-बूटी महिलाओं में गर्भाशय की सूजन को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं श्वेत प्रदर और रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली समस्याओं के लिए भी इसका इस्तेमाल अच्छी मात्रा में किया जाता है। ये महिलाओं में ऊर्जा को बनाये रखता है। जोश और ताकत में वृद्धि करता है।
माजूफल
माजूफल में कई ऐसे औषधीय गुण होते हैं, जो महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होते हैं। अगर गर्भावस्था के समय इसका सेवन किया जाए तो होने वाला बच्चा स्वस्थ और बुद्धिमान पैदा होता है। ये मासिक धर्म में भी फायदेमंस साबित होता है। इसकी चाय पीने से पीरियड्स के समय होने वाला दर्द कम होता है। ये त्वचा को टाइट रखकर लंबे समय तक जवान बनाता है।
खादिर
खादिर नामक औषधी महिलाओं में श्वेत प्रदर (leucorrhoea) यानी सफेद पानी की समस्या (safed pani ki samasya) को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। खादिर की छाल का काढ़ा बनाकर योनि को धोने से श्वेत और लाल दोनों प्रकार के ल्यूकोरिया में आराम मिलता है। इसके अलावा मधुमेह, गले की खराब इत्यादि में भी खादिर लाभकारी साबित होता है।
बेलगिरी
बेलगीरि शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक होती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाकर एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में मदद करती है। खून की कमी दूर करती है। सिर दर्द में आराम पहुंचाती है। तनाव को कम करने में भी फायदेमंद होती है बेलगीरि।
मोचरस
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं मोचरस का सेवन करे तो रीढ़ की हड्डी को मजबूत होती है। इसके अलावा स्तनों में दूध की मात्रा में भी वृद्धि होती है मोचरस के सेवन से। इसके साथ-साथ कब्ज (kabj), एसिडिटी (acidity)और सर्दी-खांसी (cough & cold) में भी काम आता है मोचरस। थकान, कमजोरी, चक्कर आना ये सब समस्याएं भी ठीक होती हैं।
खरैटी पंचांग
आयुर्वेद में खरैटी की जड़ और बीजों का इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता है। प्राचीन समय से ही इस औषधी का प्रयोग शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। महिलाओं में रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर की समस्याओं को ठीक करने के लिए भी यह बहुत ही अधिक उपयोगी होता है। यह ऊर्जा वर्धक भी माना जाता है। जो महिलाओं को फुर्तीला बनाने में मदद करता है।
अनंतमूल
ये एक प्रकार की बेल होती है जो लगभग पूरे भारत में पाई जाती है। केवल इस बेल की जड़ को ही औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत ही अधिक प्रभावशाली है। यह रक्तशोधक के काम में आती है। सूजन को कम करती है। गठिया में आराम देती है। पीरियड्स में होने वाली पीड़ा को हरने में सक्षम है।
गुड़हल के फूल
इसे जवाकुसुम के नाम से भी जाना जाता है। किंतु मुख्यत गुड़हल ही कहा जाता है। यह दिखने में बहुत ही आकर्षक और औषधीय गुणों से भरा है। इसके प्रयोग से अपच, बुखार, घबराहट की समस्या दूर होती है। इसके अलावा गुड़हल की पत्तियों के इस्तेमाल से त्वचा की सेहत और आयरन की कमी को ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में तनाव को कम करने में कारगर औषधी है।
दालचीनी
इस आयुर्वेदिक औषधी की मदद से महिलाओं में बांझपन की समस्या को ठीक किया जा सकता है। कंसीव करने के लिए भी दालचीनी का सेवन बहुत लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा मासिक धर्म की कमी व अधिकता की समस्या को ठीक करके पीरियड्स की नियमितता को बनाये रखने में मददगार साबित होता है।
बड़ी इलायची
पेट से संबंधित समस्याओं व पाचन तंत्र की परेशानी में बड़ी इलायची बहुत ही गुणकारी होती है। यह भूख की कमी को ठीक करती है। भोजन को पचाने में मदद करती है। मुंह की दुर्गंध को दूर करती है। उल्टी, पेट की गैस में आरामदायक है। घावों को भरने में भी सहायक है। नींद ना आने की समस्या में भी इलायची का प्रयोग किया जा सकता है।
लौंग
यह बहुत काम की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। लौंग का सेवन महिलाओं के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। पीरियड्स को रेगुलर लाने में लौग का सेवन हितकारी होता है। महिलाओं में ओवुलेशन बेहतर होता है। इतना ही नहीं गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने में भी लौंग श्रेष्ठ जड़ी-बूटी साबित होती है।
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