अच्छी सेहत कैसे बनायें? (Achi sehat kaise banaye in hindi) | SehatWin|सेहतविन
सेहत बनाने के लिए क्या करें? (Sehat banane ke liye kya kare in hindi?)

अच्छी सेहत (sehat) पाने का सपना आज हर एक इंसान रखता है। लेकिन गलत जीवन शैली और खानपान की लापरवाही के कारण अक्सर कई लोग दुबले-पतले रह जाते हैं। पोषक तत्व के अभाव में उनका संपूर्ण शारीरिक विकास नहीं हो पाता। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो अच्छा खाते-पीते हैं। उनकी जीवन शैली भी बढ़िया है, लेकिन फिर भी शरीर कमजोर है। वजन नहीं बढ़ रहा है। सेहत नहीं बन रही है। जिम भी करते हैं, व्यायाम भी करते हैं। फिर भी कोई सही रिजल्ट नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में यह सोचना व चिंतन करना स्वाभाविक है कि अच्छी सेहत कैसे बनायें? कई लोग तो इंटरनेट पर सारा दिन यही तलाश करते रहते हैं कि वजन कैसे बढ़ायें? अच्छी बॉडी कैसे बनायें? सेहत बनाने के लिए क्या खायें? वजन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का नाम बतायें? सेहत बनाने के लिए क्या करें आदि।
ऐसे दुबले-पतले लोगों को चाहिए सबसे पहले अपनी जीवन शैली को सुधारें। बाजार का जंक फूड व फास्ट छोड़ छोड़कर घर का बना हुआ ताजा भोजन ही सेवन करें। पोषणयुक्त आहार का सेवन अधिक करें। इसके साथ-साथ व्यायाम व योगा जरूर करें। तब जाकर आप सेहत बनाने के घरेलू उपाय करके या फिर वजन बढ़ाने के तरीके अपना कर अच्छी सेहत पाने का सपना पूरा कर सकते हैं।
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कमजोर शरीर के नुकसान क्या हैं? (Kamzor sharir ke nuksan kya hai?)

सबसे पहला तो यही नुकसान है कि आपका व्यक्तित्व कमजोर व दुबले शरीर के कारण आकर्षक नहीं लगता है। आप कितने ही मंहगे, सुंदर व स्टाइलिश कपड़े क्या न पहन लें। आप के शरीर पर जचते ही नहीं हैं। बल्कि आप हंसी का पात्र बनकर रह जाते हैं। चार लोगों के बीच उठने-बैठने में शर्म महसूस होती है। आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। मनचाही जॉब प्राप्त नहीं हो पाती। यहां तक कि दुबलेपन के कारण शादी में भी अड़चनें आने लगती हैं।
इसके अलावा शारीरिक व स्वास्थ्य नुकसान भी हैं। जैसे कि हर वक्त कमजोरी व थकान महसूस होती है। जरा सा काम करते ही थक जाते हैं। कमजोर शरीर के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है। जिसके कारण आप जल्दी-जल्दी बीमार होते रहते हैं। कोई भी भारी काम आपसे ठीक प्रकार नहीं हो पाता। ऐसे बहुत कारण हैं जिनको जानकर हर दुबला व्यक्ति यही चाहेगा कि वो भी एक अच्छी सेहत का मालिक बने।
सेहत क्यों नहीं बनती? (Sehat kyu nahi banti?)

जैसा कि हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं कि खराब जीवन शैली और खानपान की लापरवाही के कारण सेहत नहीं बन पाती है। लेकिन फिर भी कुछ अन्य कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से आपका शरीर कमजोर है। वजन नहीं बढ़ रहा है। सेहत नहीं बन रही है।
- सर्वप्रथम पाचन शक्ति का कमजोर होना।
- मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं होना।
- व्यायाम व योगा नहीं करना।
- पोषण की कमी।
- शरीर में खून की कमी।
- लंबे समय से दवाईयों का सेवन करना।
- भूख न लगना।
- अत्यधिक मानसिक तनाव।
- अधिम मात्रा में मदिरापान, धूम्रपान, तम्बाकू आदि नशाली चीजों का सेवन करना।
- कभी-कभार वजन नहीं बढ़ना अनुवांशिक भी हो सकता है।
क्या तेजी से सेहत बनाई जा सकती है? (Kya teji se sehat banai ja sakti hai?)
अगर आप प्राकृतिक तरीके से सेहत बनाना चाहते हैं। नेचुरल तरीके से वजन बढ़ाना चाहते हैं। तो इसमें थोड़ा समय जरूर लग सकता है। पर हां, सेहत आपकी सौ प्रतिशत बन सकती है। बस आपको अपनी लाईफ स्टाईल ठीक रखनी होगी। खानपान का ध्यान रखना होगा। रोज व्यायाम व योगा के लिए समय निकालना होगा। यदि प्राकृतिक तरीका अपना कर 3 से 4 महीने में भी आप एक अच्छी सेहत पाते हैं। बढ़िया वेट गेन करते हैं, तो यह एक प्रकार से तेजी से सेहत बनाना ही कहा जायेगा। या फिर यह भी कह सकते हैं कि ये आपकी सेहत पर जीत होगी यानी आप सेहतविन कहलायेंगे। जिसका मतलब होगा सेहत को जीतने वाला।
नेचुरल तरीके से सेहत कैसे बनायें? (Natural tarike se sehat kaise banaye?)

प्राकृतिक तरीके से सेहत बनाने के लिए या वजन बढ़ाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं। या फिर वजन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन भी कर सकते हैं। अगर आप सेहत बनाने के घरेलू उपाय जानना चाहते हैं, तो कुछ उपाय निम्नलिखित हैं।
सेहत बनाने के घरेलू उपाय (Sehat banane ke gharelu upay in hindi)

दूध और केला

रोज सुबह नाश्ते में दो केले दूध के साथ खायें। ठीक ऐसे ही रात को सोने से पहले दो केले और दूध पीकर सोयें। केला अपने आप में एक संपूर्ण आहार कहलाता है। केले में कैलोरी अच्छी मात्रा में होती है। जो वजन बढ़ाने में बहुत मदद करती है। आप चाहें तो बनानाशेक बनाकर भी पी सकते हैं। अगर आपको केला पचाने में दिक्कत होती है, तो एक छोटी हरी इलायची का सेवन भी साथ में करें। आपको कब्ज नहीं होगा। खाया-पीया अच्छे से पचेगा।
किशमिश व अंजीर

रात को सोने से पहले मुट्ठी भर किशमिश और अंजीर को पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इन्हें अच्छे से चबा-चबा कर खा लें। बाद में बचे हुए पानी को भी पी जायें। इस पानी में किशमिश और अंजीर के पोषक तत्व अच्छी तरह से घुल जाते हैं। इस प्रकार आप 20 से 30 दिन के अंदर एक अच्छी सेहत प्राप्त कर सकते है। तेजी से वजन बढ़ा सकते हैं।
बादाम

अगर आप सेहत पर जीत हासिल करना चाहते हैं, तो आपको चाहिए कि रोजाना 3 से 4 बादाम को कूट कर दूध के साथ सेवन करें। बादाम में विटामिन बी और मैग्निशिम जैसे पोषक तत्व होते हैं। जिनका काम होता है हमारे द्वारा किये गये भोजन को ऊर्जा में बदलने का। इसी कारण से हमारी सेहत जल्दी और अच्छी बनती है। तेजी से वजन बढ़ता है। नियमित रूप से यह प्रयोग करने से दुबले लोग मात्र 30 दिन में 2 से 3 किलो तक वजन बढ़ा सकते हैं।
व्यायाम

कमजोर शरीर को ऊर्जावान शक्तिवान बनाने के लिए अपनी रोजमर्रा की जीवन शैली में व्यायाम को जरूर शामिल करें। लगभग 1 घंटे व्यायाम व योगा अवश्य करें। वर्कआउट या एक्सरसाइज करने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है। शरीर का प्रत्येक अंग सही से काम करता है। जिसके कारण खाया-पिया अच्छे से पचता है। पूरे शरीर को लगता है जिसके कारण वजन बढ़ने में मदद मिलती है।
इलायची

जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है, उनके शरीर को खाया-पीया नहीं लगता है। फिर भले कितना ही पौष्टिक आहार क्यों न सेवन कर रहे हों। इसलिए कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों का शरीर भी बहुत कमजोर होता है। पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए हमेशा भोजन करने के बाद एक इलायची का सेवन करें। ऐसा करने से भोजन बेहतर तरीके से पचेगा और वजन भी तेजी से बढ़ने लगेगा।
ये तो हो गये वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय। जैसे कि हमने पहले कहा कि वजन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन भी आप कर सकते हैं। जिसकी मदद से आप एक अच्छी और सॉलिड सेहत के विजेता बन सकते हैं। तो आइए जानते हैं सेहत पर जीत पाने की यानी सेहत बनाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में।
सेहत बनाने की आयुर्वेदिक दवा (Sehat banane ki ayurvedic dawa)

अगर आप बहुत दुबले-पतले हैं। वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय (vajan badhane ke gharelu upay) या सेहत बनाने के तरीके (sehat banane ke tarike) अपना कर भी वजन नहीं बढ़ा पा रहे हैं। तो आप इस आयुर्वेदिक दवा का सेवन करें। दवा का नाम है- सेहतविन (Sehatwin)। यह एक बेहतर सेहत और स्वास्थ्य प्रदान करने वाली प्योर हर्बल मेडिसिन (pure herbal medicine) है। इसमें प्रोटीन (protein), मल्टी विटामिन (multi vitamin) और मिनरल्स का एक बेहतरीन मिश्रण है। जो स्वस्थ तरीके से वजन और मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए आप सेहत पर जीत हासिल करने के लिए सेहतविन का उपयोग करें। इस दवा में मौजूद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण आपको एक सुडौल और ऊर्जावान शरीर पाने में बहुत मदद करते हैं। आपके शरीर में प्राकृतिक शक्ति का संचार होता है। अंदर और बाहर दोनों रूपों में आप खुद को फिट और स्वस्थ महसूस कराने में उपयोगी है यह दवा।
सेहतविन ही क्यों? (Why sehatwin?)

जितने भी दुबले-पतले व शक्तिहीन लोग हैं, उनके लिए सेहतविन की उपयोगिता को जानना बहुत आवश्यक है। इसलिए यह प्रश्न सेहतविन ही क्यों? बहुत अच्छा प्रश्न है। तो आइए जानते हैं सेहतविन की विशेषताओं के बारे में, जिसके कारण यह आयुर्वेदिक दवा कई लोगों की भरोसेमंद दवा बनी हुई है।
बढ़ी हुई ऊर्जा
सेहतविन की मदद से आपको कसरत के दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा मिलती है। यह आपको उचित शारीरिक शक्ति और मानसिक रूप में सहनशक्ति सुनिश्चित कराती है। जिसके कारण अधिक समय तक व्यायाम करने के लिए आपको आत्मबल मिलता है। आपको एक सुडौल शरीर पाने में मदद मिलती है।
कैलोरी बिल्ड अप
पोषक तत्वों के साथ आसानी से पचने वाली कैलोरी का अतिरिक्त सेवन करने के लिए न्यूनतम में अधिकतम पोषण होता है सेहतविन में।
आपके शरीर को फिट रखता है
सेहतविन पचने में आसान है। इसलिए यह सरलता से आपके शरीर को बलिष्ठ बनाने में मदद करता है। आपके शरीर में मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करता है।
स्टेमिना बिल्ड अप
अश्वगंधा जैसे तत्व आपके शरीर में मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति बढ़ाते हैं सेहतविन में और सहनशक्ति को बढ़ाते हैं।
शक्तिशाली सूत्र
यह कई खनिज विटामिन और हर्बल स्वास्थ्य सुधारकों का एक बेहतरीन संयोजन है, जो सेहतविन को एक स्वास्थ्य टॉनिक में बदल देता है।
कोई स्टेरॉयड नहीं
सेहतविन एक प्राकृतिक स्वास्थ्य सुधारक है और स्टेरॉयड, हानिकारक रसायनों और मिठास से मुक्त है। इसमें प्रकृति से प्राप्त पदार्थ की अच्छाई समाहित है।
गैर नशे की लत
यह सुरक्षित और गैर-नशे की लत है। वजन बढ़ाने के लक्ष्य तक पहुंचने के बाद आप निश्चित रूप से इसे लेना बंद कर सकते हैं।
प्राकृतिक संघटक
सेहतविन में कई प्राकृतिक तत्व मौजूद हैं। ये सभी प्राकृतिक खनिज और हर्बल पदार्थ हैं जो हमें प्रकृति ने ही प्रदान किए हैं।
प्रतिरक्षा में वृद्धि
सेहतविन इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाता है और आपको स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
सेहतविन में है इन प्राकृतिक जड़ी-बूटियों की शक्ति

अश्वगंधा
सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक है अश्वगंधा। जो अपने पुनर्स्थापनात्मक लाभों के लिए प्रसिद्ध है। यह कसरत के बाद तनाव के प्रभावों का मुकाबला करने में मदद करता है। इसमें हमारे शरीर के नाजुक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर में मांसपेशियों और ताकत को बढ़ाता है।
शतावरी
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शतावरी में होते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। यह खांसी को दूर करने और दस्त, गुर्दे की पथरी और अवसाद का इलाज करने में मदद करता है। यह बुढ़ापा रोधी जड़ी-बूटी भी है।
विदारीकंद
प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और पाचन तंत्र में सुधार करता है विदारीकंद। इसके अलावा प्रजनन क्षमता और कामेच्छा को भी बढ़ाता है। यह हानिकारक कोशिकाओं से बचाता है और फेफड़ों, यकृत, हृदय और त्वचा के ऊतकों में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करता है।
कौंच बीज
प्रोटीन और स्वस्थ वसा की मात्रा कौंच बीज में होती है। यह छोटे बच्चों में वजन बढ़ाता है, उनके नियमित विकास में मदद करता है। कौंच बीज हर उम्र के लोग लेते हैं। यह प्रोटीन, कैल्शियम, आहार फाइबर, लोहा, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सहित सभी आवश्यक पोषक तत्वों से भरा है। यह ग्लूटेन फ्री होता है।
सिंघाड़ा
शीतलता के रूप में कार्य करता है सिंघाड़ा। पीलिया को ठीक करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मूत्र संक्रमण का इलाज करते हैं। अपच और मतली को ठीक करते हैं। खांसी से राहत देते हैं, उच्च रक्तचाप से निपटने में मदद करते हैं। रक्त में सुधार करते हैं और बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।
आंवला
इसके नियमित सेवन से न केवल स्वस्थ और चमकती त्वचा मिलती है, बल्कि आंखों की रोशनी में भी सुधार होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है और रक्त शर्करा और लिपिड को नियंत्रित करता है। भारतीय आंवले में विटामिन सी का उच्च स्तर होता है। जो बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है। यह जड़ों को भी मजबूत करता है और बालों का नेचुरल रंग बनाए रखता है। आंवला के जीवाणुरोधी गुण रूसी से लड़ने में मदद करते हैं।
अजवाइन
इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीमाइक्रोबियल, हाइपोलिपिडेमिक और कई अन्य गुण होते हैं। अजवाइन के तेल का मुख्य घटक थाइमोल है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों का इलाज करता है।
चित्रकमूल
यह एक प्राकृतिक पाचक जड़ी बूटी है। जिसका उपयोग पाचन, तंत्रिका और महिला प्रजनन प्रणाली के लिए किया जाता है। इस पौधे के कुछ हिस्सों का उपयोग हर्बल पाउडर के उत्पादन के लिए किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों का व्यापक रूप से अपच, गैस, बवासीर, कष्टार्तव, गठिया के लिए उपयोग किया जाता है। पसीने को बढ़ावा देता है और छोटी खुराक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है।
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सौंफ
आयुर्वेदिक चिकित्सा में मुख्य रूप से पाचन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए सौंफ का उपयोग किया जाता है। जबकि स्रावी गुण पेट की ऐंठन को कम करने के लिए एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव के साथ श्वसन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में सहायता करते हैं। सौंफ पेट, लीवर, मस्तिष्क, हृदय, किडनी और गर्भाशय पर लाभकारी प्रभाव डालता है।
गोक्षुरा
भारत के उप-हिमालयी जंगलों में पाया जाने वाला एक प्रतिरक्षा बढ़ाने और उपचार करने वाली औषधीय जड़ी बूटी है गोक्षुरा। जिसे कायाकल्प के लिए प्रभावी रसायन के रूप में जाना जाता है। कामोत्तेजक प्रकृति के कारण यह व्यापक रूप से स्वीकृत दवा भी है।
मुलेठी
प्राकृतिक मिठास के कारण मुलेठी का व्यापक रूप से स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके एंटी-डायबिटिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मेटाबॉलिक सिंड्रोम के इलाज में मदद करते हैं। यह जिगर के स्वास्थ्य का समर्थन करता है और एक एंटीसेप्टिक है, जो पेट को शांत करने में मदद करता है।
अमलतास
इस पौधे के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हैं। फलों का गूदा, पत्ते, जड़ या फूल हों, आयुर्वेद इस पौधे को “सर्वरोगप्रशमणि“ के रूप में दर्शाता है। जो सभी प्रकार की बीमारियों को ठीक करता है और शरीर को कई माइक्रोबियल संक्रमणों से बचाता है।
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