मधुमेह की समस्या का हर्बल उपचार (Madhumeh ki samasya ka herbal upchar) | Diabetes | Madhualp | मधुअल्प

Madhumeh Ki Samasya Or Upchar

मधुमेह की समस्या का हर्बल उपचार (Madhumeh ki samasya ka herbal upchar) | Diabetes | Madhualp | मधुअल्प

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मधुमेह की जानकारी और रोकथाम (Madhumeh ki jankari or roktham)

Madhumeh Ki Jankari Or Roktham
Madhumeh Ki Jankari Or Roktham

डायबिटीज को ही आयुर्वेदिक भाषा में मधुमेह (Madhumeh) कहा जाता है। जिसे आमतौर पर आप और हम शुगर की समस्या (Sugar Ki Samasya) के नाम से जानते हैं। मधुमेह का स्थाई उपचार पाने के लिए खानपान से लेकर रोज की दिनचर्या को सुधारने की भी जरूरत होती है। वैसे भी आज डायबिटीज की समस्या (Diabetes Ki Samasya) से अधिकतर लोग पीड़ित हैं। आज शायद ही कोई घर ऐसा हो जहां कोई एक व्यक्ति मधुमेह रोग से ग्रस्त न हो। हर घर में एक व्यक्ति तो ऐसा मिल ही जायेगा, जिसे मधुमेह रोग होगा। डायबिटीज आज केवल बड़े उम्र के लोगों को ही नहीं, बल्कि कम उम्र के लोगों को भी अपने चंगुल में लेने से नहीं चूक रहा है। यह एक चिंताजनक विषय है। जिस पर रोकथाम, उपचार व जागरूकता जरूरी है।

मधुमेह क्या है? (Madhumeh kaya hai in hindi?)

Madhumeh Kya Hai
Madhumeh Kya Hai

डायबिटीज की बीमारी (Diabetes Ki Bimari) को ही मधुमेह रोग कहते हैं। दरअसल हमारी बॉडी में इसुंलिन (Insulin) नामक एक हार्मोन होता है। जिसका कार्य हमारे खाये हुए भोजन में से निकली हुई शुगर को ऊर्जा में बदलने का होता है। इसलिए जब इंसुलिन अपना कार्य अच्छे से नहीं कर पाता। या हमारे शरीर में इंसुलिन का बनना कम व बंद हो जाता है, तो डायबिटीज की समस्या होने लगती है।

इंसुलिन कैसे कार्य करता है? (How doe’s works insulin?)

Madhumeh Or Insulin
Madhumeh Or Insulin

इसुंलिन एक ऐसा हॉर्मोन है जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इंसुलिन के निर्माण का कार्य हमारी बॉडी में अग्नाशय या पैंक्रियाज नामक ग्रंथि में होता है। शुगर की मात्रा हमारे खून में अधिक ना मिलने पाये, इसका दायित्व इंसुलिन पर निर्भर होता है। इसी कारण से शुगर की एक निश्चित मात्रा ही हमारे खून तक पहुंच पाती है। शेष शुगर हमारे शरीर की कोशिकाओं में एकत्रित होकर रह जाती है।

किन्तु इंसुलिन के प्रभावित हो जाने से। यानी इसुंलिन बनना बंद हो जाना या कम बनने से आसानी से शुगर की अधिक मात्रा हमारे रक्त में मिल जाती है। यही कारण होता है कि हमारे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है।

डायबिटीज और शुगर में क्या अंतर है? (What is difference of diabetes & sugar?)

Madhumeh Or Sugar Me Difference
Madhumeh Or Sugar Me Difference

मधुमेह (Diabetes) की पूरी व सही जानकारी होना अनिवार्य है। दरअसल किसी भी रोग की सही जानकारी होने से उसकी शुरूआती रोकथाम में आसानी हो जाती है। रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि मधुमेह के 2 प्रकार हैं। टाइप 1 और टाइप 2। डायबिटीज के इन दोनों ही प्रकारों में व्यक्ति के शरीर के खून में शर्करा बढ़ जाता है। यानी ब्लड शुगर का स्तर अधिक हो जाता है। मगर इन दोनों प्रकारों के कारण और उपचार में असमानता है।

टाइप 1 मधुमेह को आप डायबिटीज के शुरूआती लक्षण में शामिल कर सकते हैं। जिससे आप यह अर्थ लगा सकता हैं कि मधुमेह होने की संभावना है, जिसे आप मधुमेह के घरेलू उपचार से, मधुमेह में परहेज करके नियंत्रित कर सकते हैं। यानी आप टाइप 1 डायबिटीज में सावधानियां बरतते हुए इसे कंट्रोल कर सकते हैं। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में रोगी का ब्लड शुगर अत्यधिक बढ़ जाता है, जिस पर नियंत्रण प्राप्त करने में विलम्ब हो ससकता है।

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टाइप 1 मधुमेह के कारण क्या हैं?

Madhumeh Type 1
Madhumeh Type 1

मधुमेह के इस पहले प्रकार में। यानी टाइप 1 डायबिटीज की समस्या में हमारे शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। यह एक स्वप्रतिरक्ष्ति रोग (Autoimmune Diseases) है। इस रोग में हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाने पर भ्रमित हो जाती है। शरीर में मौजूद खुद के ही स्वस्थ उत्तकों व अन्य पदार्थों को रोगाणु समझने लगती है। इसी भ्रम का शिकार होकर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही स्वस्थ उत्तकों व पदार्थों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देती है। टाइप 1 डायबिटीज, व्यक्ति को जन्म के साथ भी हो सकता है। क्योंकि टाइप 1 डायबिटीज के अनुवांशिक रूप से होने की संभावना भी अधिक होती है। कम उम्र के लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।

टाइप 2 मधुमेह के कारण क्या हैं?

मधुमेह की यह समस्या कई कारणों से हो सकती है। जैसे कि असंतुलित खानपान, मोटापा, अनिंद्रा, तनाव, खराब जीवन शैली आदि। कई विशेषज्ञ बताते हैं कि टाइप 2 मधुमेह भी अनुवांशिक कारण से हो सकता है। इस टाइप के डायबिटीज में हमारी बॉडी इंसुलिन बनाना कम कर देती है। अथवा हमारे शरीर की कोशिकायें इसुंलिन की ओर से संवेदनशील नहीं रह जाती हैं। गलत दिनचर्या व खानपान के कारण इस प्रकार की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति के साथ पेश आ सकती है। लेकिन चिकित्सक बताते हैं कि अधिक उम्र के लोगों में ही टाइप 2 मधुमेह की शिकायत ज्यादा देखी जाती है।

टाइप 1 मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह उपचार क्या है?

Types of Madhumeh
Types of Madhumeh

इन दोनों प्रकारों में इलाज का आधार भिन्न है। टाइप 1 मधुमेह का जो लक्षण है उसके अनुसार शरीर में इंसुलिन का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बाधित हो ता है। इसलिए इस प्रकार के मधुमेह को नियंत्रण में लाने के लिए समय-समय पर इंजेक्शन या पंप की सहायता बॉडी में पर्याप्त इसुंलिन दिया जाता है।

वही टाइप 2 मधुमेह में इसुंलिन का निर्माण बहुत ही धीमी गति से होता है। बहुत कम मात्रा में इसुंलिन बनता है। इसलिए मधुमेह के इस लक्षण के आधार पर बॉडी में दवाओं की सहायता से इसुंलिन पहुंचाया जाता है।

मधुमेह रोगियों की आहार तालिका (Diabetics diet charts)

Madhumeh Rog Me Diet Plan
Madhumeh Rog Me Diet Plan

1. हर रोज सुबह खाली पेट मेथी पाउडर को एक चम्मच की मात्रा में एक गिलास साफ पानी के साथ सेवन करें। साथ ही जौ को आप रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठते ही इस पानी को छानकर आप पीएं। मधुमेह की रोकथाम में लाभदायक है।

2. सुबह जब आप जौ का पानी पी लें, तो इसके लगभग 1 घंटे बाद आप शुगर फ्री चाय पी सकते हैं। चाहें तो कम मीठे वाले बिस्कुट का सेवन भी साथ में कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि 2 या 3 से अधिक बिस्कुट का सेवन ना करें।

3. सुबह के नाश्ते में एक कटोरी के करीब अंकुरित अनाज खायें। दूध के शौकीन हैं, तो बिना मलाई वाला दूध ही पीएं वो भी केवल आधा गिलास। केवल दूध पीने से भूख शांत नहीं होती है, तो साथ में एक कटोरी दलिया ले सकते हैं। या फिर केवल ब्राउन ब्रेड ही दूध के साथ खा सकते हैं। बिना तेल में बने हुए परांठे का सेवन करें। साथ में आधा 1 कटोरी दही भी ले सकते हैं।

4. लंच के समय यानी दिन का भोजन करने के करीब 1 घंटा पहले सलाद के तौर पर संतरा, सेब, अमरूद और पपीता का सेवन करें। तत्पश्चात् केवल 2 रोटी, चावल 1 कटोरी और 1 कटोरी ही दाल का सेवन करें। चाहें तो 1 कटोरी दही को, 1 कटोरी सब्जी के साथ ले सकते हैं।

5. शाम की चाय के शौकीन हैं, तो ग्रीन टी सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन बिना शक्कर के ही पीएं। साथ में चाहें तो कम मीठे वाले बिस्कुट सेवन कर सकते हैं। बिस्कुट ना खाना चाहें तो, विकल्प में कोई बेक्स स्नेक्स का सेवन कर सकते हैं।

6. रात के आहार में आपको केवल दो सादी रोटी के साथ एक कटोरी सब्जी का ही सेवन करना है। सोने से पहले एक गिलास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं।

शुगर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय बताएं? (Sugar control karne ke gharelu upay in hindi)

Madhumeh Kaise Control Kare
Madhumeh Kaise Control Kare

उपरोक्त बताये जा चुके मधुमेह में परहेज, खानपान व जानकारी का अनुसरण करते हुए आप यह मधुमेह का घरेलू उपचार करें। आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा।

तुलसी

Tulsi - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Tulsi – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

इन पत्तियों में बहुत से औषधीय तत्व पाये जाते हैं जिनमें से एक है कि एंटी-ऑक्सीडेंट। इसी गुण के कारण यह मधुमेह को नियंत्रण करने में भी बहुत काम आती है। तुलसी में मौजूद कई तत्व ऐसे भी हैं, जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के लिए एक्टिव रखने में सहायक होते हैं। इसलिए सुबह-सुबह बिना कुछ खाये-पीये खाली पेट तुलसी की 3-4 पत्तियां आप चबायें। नहीं तो एक काम आप यह भी कर सकते हैं कि तुलसी का रस पीयें। यह आपके रक्त में मौजूद शुगर के लेवल को कम रखता है।

आंवला

Amla - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Amla – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

तेजी से शुगर को कंट्रोल में लाने के लिए प्रतिदिन 2 चम्मच आँवला के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपका शुगर कंट्रोल में आ जायेगा। आप खुद को अंदर से स्वस्थ महसूस करेंगे।

दालचीनी

Dalchini - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Dalchini – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

शुगर में दालचीनी का चूर्ण भी करता है प्राकृतिक इलाज का काम। दालचीनी का प्रयोग करने से ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज का रोगी अगर इसका रोजाना सेवन करे, तो इससे मोटापा भी नियंत्रण में रहता है। इसको लेने की विधि में आप दालचीनी को बारीक पीसकर इसका चूर्ण बना लें और गुनगुने पानी में मिलाकर लें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इसे ज्यादा मात्रा में सेवन न करें, नहीं तो परिणाम गलत भी होने की संभावना बनी रहती है।

ग्रीन टी

Green Tea - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Green Tea – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

आप रोजाना सुबह-शाम ग्रीन टी पियें। यह ब्लड शुगर में आराम पहुंचाता है। दरअसल इसमें पॉलीफिनॉल की मात्रा बहुत अच्छी होती है, जोकि एक्टिव एंटी ऑक्सीडेंट है।

जामुन के बीज

Jamun Ke Beej - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Jamun Ke Beej – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

डायबिटीज का इलाज जामुन के बीजों से काफी हद तक किया जा सकता है। इसके लिए जामुन को खाने के बाद इसके बीजों को संभाल कर रखें। इन बीजों को सुखाकर इनका महीन चूर्ण कर लें। चूर्ण करने के बाद इसे एक साफ शीशी में स्टोर कर लें। अब इस तैयार चूर्ण की एक चम्मच मात्रा रोजाना गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लें। शुगर को कंट्रोल करने का बहुत ही प्रभावशाली उपाय है।

अच्छी जीवन शैली

Healthy Life - Madhumeh Ka Gharelu Upchar
Healthy Life – Madhumeh Ka Gharelu Upchar

घरेलू उपचार या आयुर्वेदिक उपचार करने के साथ ही जरूरी है आपकी अच्छी लाइफ स्टाइल। जैसे कि समय पर भोजन करना। घर का पौष्टिक आहार ही लेना। समय पर सोना समय पर जागना। सुबह उठकर व्यायाम व योगा करना। किसी भी प्रकार का नशा न करना। अत्यधिक तनाव न लेना आदि। साथ ही चिकित्सिक द्वारा दिये गये निर्देशों का पूरी ईमानदारी के साथ अनुसरण करना है।

मधुमेह की आयुर्वेदिक दवा का नाम बताएं? (Madhumeh ki ayurvedic dawa ka naam bataye?)

Diabetes Ki Ayurvedic Dawa - MADHUALP
Diabetes Ki Ayurvedic Dawa – MadhuAlp

प्राकृतिक तरीके से मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए बहुत से विकल्प आज बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन फिर भी कुछ आयुर्वेदिक दवाईयाँ हैं, जिनके नियमित सेवन से मधुमेह को स्वस्थ तरीके से नियंत्रण में रखा जा सकता है। अन्य स्वस्थ लोगों की तरह सामान्य जीवन जिया जा सकता है। ऐसी ही एक जबरदस्त नेचुरल हर्बल मेडिसिन है जिसका नाम है- मधुअल्प (MadhuAlp)। विशुद्ध जड़ी-बूटियों के मिश्रण से इस आयुर्वेदिक दवा का निर्माण किया गया है। जिनकी मदद से शुगर लेवल पूरी तरह कंट्रोल में रहता है। शरीर स्वस्थ रहता है। दिल से संबंधित रोग दूर रहते हैं और आपको एक सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है। हर उम्र के व्यक्ति के लिए यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

डायबिटीज के लिए मधुअल्प ही क्यों? (Why only madhualp for diabetes disease?)

Madhumeh Control Kare Jeevan Bhar Sawasth Rahe
Madhumeh Control Kare Jeevan Bhar Sawasth Rahe

अपने निम्नलिखित गुणों के आधार पर ही आज कई मधुमेह रोगियों की पहली और भरोसमंद दवा बन चुकी है मधुअल्प। आइए जानते हैं क्यों?

ऊर्जा बढ़ाता है

मधुअल्प आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। आप आजीवन ऊर्जावान, फुर्तीला व स्वस्थ बने रहते हैं।

बार-बार पेशाब आने का इलाज करता है

मधुअल्प में ऐसी असरदार जड़ी-बूटियों का मिश्रण है, जो मूत्राशय को साफ करती हैं। अनैच्छिक पेशाब नियंत्रण में सुधार करने के लिए मूत्राशय की मांसपेशियों को टोन करती हैं।

बेहतर परिणाम

मधुअल्प आपके मधुमेह का प्रबंधन करता है और आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है जो घाव को ठीक करने का मुख्य कारक हैं।

संक्रमण से राहत

मधुअल्प में जामुन, आंवला आदि जैसी शक्तिशाली जड़ी-बूटियों का समावेश हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती हैं। ताकि आपको बाहरी संक्रमण से कोई स्वास्थ्य नुकसान ना पहुंचे।

हार्ट अटैक की संभावना कम

जब आपको मधुमेह होता है, तो आपको हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। मधुअल्प का उपयोग करके, आप निश्चित रूप से दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना को कम करने के लिए अपने मधुमेह का प्रबंधन कर सकते हैं।

आंखों की समस्याओं की कम संभावना

मधुमेह रोग से ग्रसित व्यक्ति में नेत्र से संबंधित विकार की संभावना अधिक बनी रहती है। जैसे :- ग्लूकोमा और रेटिना डिटेचमेंट। अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए अपने मधुमेह का प्रबंधन करना बेहतर है। जोकि मधुअल्प का सेवन करने से संभव हो जाता है।

तंत्रिका क्षति को रोकता है

अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियमित रूप से नियंत्रित रखना, तंत्रिका क्षति को रोकने या देरी करने की कुंजी है। मधुअल्प, आपके मधुमेह का प्रबंधन करता है और आपको ऐसी समस्याओं का सामना करने से रोकता है।

गुर्दे की समस्याओं को रोकता है

मधुमेह आपके गुर्दे के अंदर रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करके, गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है। यह रक्त वाहिकाओं के संकीर्ण और बंद होने का कारण बनता है। मधुअल्प इसे साफ करता है और आपकी किडनी को ठीक रखता है।

मधुअल्प कैसे काम करता है? (How to works madhualp?)

मधुमेह रोगियों के लिए एक वरदान है मधुअल्प। यह मधुमेह को नियंत्रित करता है। इसमें जामुन, त्रिफला, नीम, गिलोय आदि जड़ी-बूटियाँ हैं। मधुअल्प स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है और इसलिए आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने में सहायता करता है।

आपके शरीर को मधुअल्प, डिटॉक्सीफाई (Detoxify) करता है। इसमें एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण है, जो न केवल आपके शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को बाहर निकालने में मदद करता है, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है।

आपकी प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है मधुअल्प और आपको संक्रमण से दूर रखता है। यह प्राकृतिक हर्बल सामग्री का एक परीक्षण और शक्तिशाली सूत्रीकरण है। यह दुनिया भर में मधुमेह के प्रबंधन में बहुत मददगार रहा है। यह पाउडर और कैप्सूल दोनों रूप में उपलब्ध है।

मधुअल्प की विशेषताएं

Madhumeh Ki Herbal Medicine Madhualp Ki Viisheshtayen
Madhumeh Ki Herbal Medicine Madhualp Ki Viisheshtayen

ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है

मधुअल्प में शक्तिशाली जड़ी-बूटियां होती हैं, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में प्रभावी होती हैं।

पैर के संक्रमण को रोकता है

यह पैर के अल्सर, यहां तक कि पैर के अंगूठे और पैर के विच्छेदन जैसे पैर के संक्रमण को रोकता है।

अंग क्षति को रोकता है

मधुअल्प, मधुमेह का प्रबंधन करता है और आपके शरीर के अंगों को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है।

किडनी की देखभाल करता है

मधुअल्प, किडनी और लीवर से संबंधित समस्याओं की जटिलताओं को कम करने में मदद करता है।

रक्त शुद्ध करता है

मधुअल्प, ब्लड प्यूरीफायर और डिटॉक्सिफायर का काम करता है जो आपको स्वस्थ रखता है।

प्राकृतिक और स्टेरॉयड मुक्त

मधुएल्प एक स्टेरॉयड मुक्त उत्पाद है। यह प्राकृतिक है और शक्तिशाली जड़ी बूटियों से भरपूर है।

मधुअल्प में मिश्रित जड़ी-बूटियाँ एवं गुण

अश्वगंधा

Madhualp Me Hai Ashwagandha Ke Goon
Madhualp Me Hai Ashwagandha Ke Goon

अश्वगंधा इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में मदद करता है और मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है। इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। यह तनाव हार्मोन, एनीमिया को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

गुड़मार

Madhualp Me Hai Gudmar Ke Goon
Madhualp Me Hai Gudmar Ke Goon

इस अद्भुत जड़ी बूटी को मधुनाशिनी (संस्कृत में) और गुड़मार (हिंदी में) के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि चीनी को नष्ट करने वाली। गुडमार में मिठाई और शक्कर की लालसा को कम करने की अद्भुत क्षमता है।

जामुन

Madhualp Me Hai Jamun Ke Goon
Madhualp Me Hai Jamun Ke Goon

जामुन मधुमेह रोगियों के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटियों में से एक है। यह स्टार्च को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। यह जड़ी बूटी बार-बार पेशाब आने और जोर लगाने जैसे लक्षणों को कम करती है।

बबूल

Madhualp Me Hai Babul Ke Goon
Madhualp Me Hai Babul Ke Goon

मधुमेह के प्रबंधन में बबूल की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह शरीर में अधिक इंसुलिन जारी करने के लिए अग्नाशय की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करके कार्य करता है, जो कार्बोहाइड्रेट के चयापचय में सहायता कर सकता है और रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है।

दारुहरिद्रा

Madhualp Me Hai Daruharidra Ke Goon
Madhualp Me Hai Daruharidra Ke Goon

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दारुहरिद्रा सबसे अच्छा प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपचार है। यह जड़ी बूटी त्वचा, आंख और कान से संबंधित सभी प्रकार के मधुमेह के मुद्दों के लिए अच्छी है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।

अंबा हल्दी

Madhualp Me Hai Amba Haldi Ke Goon
Madhualp Me Hai Amba Haldi Ke Goon

अंबा हल्दी में बहुत अच्छा उपचार गुण होता है। इसका उपयोग मुँहासे और फोड़े के इलाज के लिए किया जाता है। यह निशान, निशान हटाता है और झुर्रियों को दूर रखता है। यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटीऑक्सीडेंट है। यह त्वचा की समस्याओं के इलाज में मदद करता है।

हल्दी

Madhualp Me Hai Haldi Ke Goon
Madhualp Me Hai Haldi Ke Goon

हल्दी (हल्दी) आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और मधुमेह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में आपकी मदद करती है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है।

सौंठ

Madhualp Me Hai Sonth Ke Goon
Madhualp Me Hai Sonth Ke Goon

सौंठ (सूखे अदरक का पाउडर) रक्त शर्करा के स्तर को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने में मदद करता है। इसमें एक संभावित रक्त-शर्करा नियंत्रण तंत्र है। मूल रूप से, यह एंजाइमों को धीमा कर देता है जिससे मांसपेशियों में अधिक ग्लूकोज अवशोषण होता है।

मेथी

Madhualp Me Hai Methi Ke Goon
Madhualp Me Hai Methi Ke Goon

मेथी में मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा को कम करने की क्षमता होती है। इसमें फाइबर होता है और पाचन प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है। यह कार्बोहाइड्रेट और चीनी के अवशोषण को नियंत्रित करता है।

नीम

Madhualp Me Hai Neem Ke Goon
Madhualp Me Hai Neem Ke Goon

नीम के पेड़ के लगभग सभी हिस्सों- पत्ते, फूल, बीज, फल, जड़ और छाल का पारंपरिक रूप से विभिन्न उपचारों के लिए उपयोग किया जाता रहा है; यह सूजन, संक्रमण, बुखार, त्वचा रोग या दंत रोग हो। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।

गिलोय

Madhualp Me Hai Giloy Ke Goon
Madhualp Me Hai Giloy Ke Goon

गिलोय इंसुलिन बनाने में मदद करता है। यह अतिरिक्त ग्लूकोज को बर्न करता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। गिलोय पाचन में सुधार करने में मदद करता है, जो मधुमेह के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

तेज पत्ता

Madhualp Me Hai Tej Patte Ke Goon
Madhualp Me Hai Tej Patte Ke Goon

तेज पत्ता (तेज पत्ता) कई फाइटोकेमिकल्स और आवश्यक तेलों की उपस्थिति के कारण रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। यह इंसुलिन और ग्लूकोज चयापचय में सुधार करता है। तेज पत्ते का सक्रिय घटक एक पॉलीफेनोल है, जो ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

विजयसार

Madhualp Me Hai Vijaysar Ke Goon
Madhualp Me Hai Vijaysar Ke Goon

विजयसार पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं इसलिए इसका उपयोग मधुमेह के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह अग्नाशय की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है।

वच

Madhualp Me Vach Herb Ke Goon
Madhualp Me Vach Herb Ke Goon

एक पारंपरिक भारतीय औषधीय जड़ी बूटी है वच, जिसका उपयोग न्यूरोलॉजिकल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, श्वसन, चयापचय, गुर्दे और यकृत विकारों सहित स्वास्थ्य समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला के इलाज के लिए किया जाता है।

काली जीरी

Madhualp Me Hai Kali Jeeri Ke Goon
Madhualp Me Hai Kali Jeeri Ke Goon

मधुमेह काली जीरी में मदद करता है क्योंकि इसमें मधुमेह विरोधी गुण होते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो अग्नाशय की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है और मधुमेह के प्रबंधन में मदद करता है।

मकोय

Madhualp Me Hai Makoy Ke Goon
Madhualp Me Hai Makoy Ke Goon

मकोय का दूसरा नाम ब्लैक नाइट शेड है। इसके कई चिकित्सीय लाभ हैं- एनाल्जेसिक, दर्द और सूजन को कम करता है, स्वभाव से कफ निकालने वाला, शामक है। यह त्वचा की समस्याओं जैसे जलन, खुजली और दर्द आदि का भी प्रबंधन करता है।

पनीर डोडा

Madhualp Me Hai Paneer Doda Ke Goon
Madhualp Me Hai Paneer Doda Ke Goon

पनीर डोडा सिंथेटिक एंटीडायबिटिक दवाओं के एकल पूरक के रूप में मधुमेह मेलेटस को प्रबंधित करने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। इसके नियमित उपयोग से मधुमेहरोधी दवाओं और इंसुलिन का उपयोग कम हो जाता है।

गोक्षुरा

Madhualp Me Hai Gokshura Ke Goon
Madhualp Me Hai Gokshura Ke Goon

गोक्षुरा उपवास रक्त शर्करा के स्तर और कुल रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। एंटीऑक्सिडेंट गुण आपकी कोशिकाओं को मुक्त कण नामक संभावित हानिकारक यौगिकों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।

हड़जोड़

Madhualp Me Hai Hadjod Ke Goon
Madhualp Me Hai Hadjod Ke Goon

उपवास रक्त शर्करा सांद्रता को नियंत्रित करता है हड़जोड़। यह अग्नाशय की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव, अत्यधिक क्षति से बचाता है और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है। यह पाचन में सुधार करता है। हड़जोड़ हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रक्त कोलेस्ट्रॉल को काफी कम करता है।

त्रिफला

Madhualp Me Hai Triphala Ke Goon
Madhualp Me Hai Triphala Ke Goon

त्रिफला एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है और मधुमेह में अन्य मधुमेह की दवाओं के समान काम करती है क्योंकि यह पाचन एंजाइमों को रोकती है, इसलिए यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है।

काली मिर्च

Madhualp Me Hai Kali Mirch Ke Goon
Madhualp Me Hai Kali Mirch Ke Goon

काली मिर्च ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में कारगर है। यह पाचन में सुधार करने में भी मदद करता है, जो बेहतर ग्लूकोज-इंसुलिन संतुलन के लिए अच्छा है। काली मिर्च में पिपेरिन नाम का केमिकल होता है जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए जिम्मेदार होता है।

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